UP News : पीड़ित दिव्यांग ने मेडिकल टीम पर बीस हज़ार घूस माँगने का गंभीर आरोप लगाया
UP News वाराणसी: राजातालाब, क्षेत्र के कचनार गाँव निवासी दिव्यांग राजकुमार गुप्ता ने एसएसपीजी मंडलीय
और पीडीडीयू जिला सरकारी हॉस्पिटल के मेडिकल बोर्ड पर दिव्यांग प्रमाण पत्र रिनुअल करने में चिकित्सीय लापरवाही, मनमानी और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उन्होंने लोकायुक्त में परिवाद दर्ज कर यह आरोप लगाया है, कि उनको सरकारी अस्पताल के डॉक्टर अंशुमान, रचना सिंह, प्रीति सिंह और आडियोमेट्रिस्ट प्रशांत चौबे, जितेंद्र कुमार की लापरवाही व मनममानी की वजह से विगत डेढ़ साल से चार-पाँच बार जाँच से गुजरना पड़ा. जिससे दिव्यांग को अत्यधिक शारीरिक पीड़ा तथा परिवार को मानसिक, आर्थिक क्षति हुई है. परिवाद में दिव्यांग ने मेडिकल बोर्ड के चिकित्सकों की लापरवाही की जवाबदेही लेने और सही दिव्यांग प्रमाण पत्र रिनुअल कराने की मांग की गई है. पीड़ित दिव्यांग राजकुमार गुप्ता ने कहा है कि अगर उक्त सरकारी अस्पताल प्रबंधन सही दिव्यांग प्रमाण पत्र नहीं देता है तो वे अस्पताल प्रबंधन और दोषी डॉक्टर्स, आडियोमेट्रिस्ट सहित मेडिकल बोर्ड के खिलाफ हाईकोर्ट का भी दरवाज़ा खटखटाएँगे.
पहले एसएसपीजी मंडलीय अस्पताल ने दिव्यांग को दिया था 45 फ़ीसदी का दिव्यांग प्रमाण पत्र
ग़ौरतलब है कि एसएसपीजी मंडलीय अस्पताल ने राजकुमार गुप्ता का दिव्यांग प्रमाण पत्र वर्ष 2018 में 45 फ़ीसदी बनाया था रिनुअल कराने पर वर्ष 2023 में इसी अस्पताल के चिकित्सकों और जाँचकर्ताओं को बीस हज़ार घूस नहीं देने पर 24 फ़ीसदी दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। क्षुब्ध होकर पीड़ित ने उच्चाधिकारियों के पास शिकायत किया ज़िलाधिकारी ने पीडीडीयू ज़िला अस्पताल से पुनः जाँच कराया तो 82 फिसदी चौंकाने वाला रिपोर्ट आया इसके बाद भी दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी नही किया गया राजकुमार ने अपने अधिवक्ता हरीओम दुबे के माध्यम से ज़िम्मेदारों को लीगल नोटिस जारी किया जिसका कोई असर नहीं हुआ, थक हारकर लोकायुक्त प्रशासन लखनऊ में पीड़ित ने परिवाद दर्ज कराया.
लोकायुक्त ने ज़िलाधिकारी से रिपोर्ट तलब की है और ज़िलाधिकारी ने आरोपिओ के कृत्यों की जाँच हेतु सीएमओ के नेतृत्व में जाँच कमेटी गठित की है। वही सीएमओ ने सर सुंदर लाल हास्पिटल बीएचयू आईएमएस निदेशक से मेडिकल बोर्ड का गठन कर पीड़ित दिव्यांग का जाँच परीक्षण कर सोमवार तक रिपोर्ट माँगा है। निदेशक बीएचयू ने ईएनटी विभाग के विशेषज्ञों का मेडिकल बोर्ड गठन कर पीड़ित की आवश्यक जाँच परीक्षण शुरू कर सोमवार को पुनः बोर्ड के समक्ष उपस्थित होने को पीड़ित दिव्यांग बुलाया गया हैं।
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