बढ़ी ठंड , नहीं जले अलाव और ना ही बँटे कंबल
Uttar Pradesh Varanasi : दिन प्रतिदिन कोहरा के समय के बढ़ने व ठंड का प्रकोप जारी है। सर्द हवाओं के कारण ठंड ने और भी जोर पकड़ लिया है। ठंड से ठिठुरते लोग इसके बचाव के लिए चाय की भट्ठी के पास सिमटे दिखाई पड़ रहे है। या इधर उधर पड़ी लकड़ी ,टायर व कागज को जला कर सर्दी से निजात पाने का जुगाड़ कर रहे है। परन्तु प्रशासन के द्वारा अभी तक अलाव जलाने और कम्बल बँटवाने की व्यवस्था नहीं की गई है। जो लोगों के समझ से परे है।
गौरतलब है कि मौसम के करवट बदलने के साथ दिनों दिन पारा लुढ़कते जा रहा है। जिसका परिणाम यह है कि सुबह से लेकर दोपहर तक भगवान भास्कर के दर्शन नहीं होते है। जिससे आम लोगों का जीवन बदहाल होता जा रहा है। बढ़ती ठंड की वजह से लोगों को घरों में दुबकना पड़ते रहना पड़ रहा है। सबसे बड़ी परेशानी दैनिक मजदूरों, बेघरों व रिक्शा चलाने वाले लोगों को झेलनी पड़ रही है कि प्रशासन द्वारा अलाव आज तक नहीं जलाया गया और ना ही कंबल बँटवाया गया हैं।
चौक चौराहों पर अलाव जलाने और ज़रूरतमंदों को कंबल बँटवाने की मांग - नागरिकों ने चौक चौराहों व ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती ठंड में अलाव जलवाने की मांग की है। सबसे बड़ी बिड़म्बना यह है कि सर्दी के दिनों में गरीबों व जरूरत मंद लोगों को सरकारी तौर पर मिलने वाले कंबल का लाभ समय पर नहीं मिल पाता है। जिससे गरीबों को बड़ी परेशानी झेलनी पड़ रही है। समाज सेवा करने वाली स्वयं सेवी संस्थाओं के लोग भी कंबल वितरण कागजों पर कर यश लूटने के चक्कर में लगे रहते है। सर्दी से लोगों को निजात दिलाने के लिए कोई भी संस्था व जन प्रतिनिधि अभी तक आगे आता नहीं दिखाई पड़ रहा है।
क्या कहते है सामाजिक कार्यकर्ता
राजातालाब निवासी सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता का कहना है कि लोग नव वर्ष में इधर उधर घूम कर नये वर्ष की शुरूआत करते है। लेकिन हमलोग नव वर्ष का स्वागत गरीबों व जरूरत मंदों की सेवा कर करेंगे। श्री गुप्ता ने कहा कि हर वर्ष की तरह इस बार भी गरीब ज़रूरतमंदों और बच्चों के बीच कंबल का वितरण करूंगा । मुझे लोगों की सेवा करने से संतुष्टि मिलती है। इस सेवा कार्य के लिए लोगों से मदद की अपील भी कर रहा हूँ।
0 Response to "बढ़ी ठंड , नहीं जले अलाव और ना ही बँटे कंबल"
Post a Comment