नोटिस और मुनादी के बाद भी नहीं हटे कई रईसो के अतिक्रमण और अवैध निर्माण
Varanasi :राजातालाब, गरीब का झोपड़ा तो हवाए भी उजाड़ देती है कभी रईसो के महलो पर निगाह उठा कर तो देखो… किसी कवि की ये पंक्तिया बरबस ही तब याद आती है जब राजातालाब ला कालेज रोड में प्रवेश करते है। चंद रोज पहले की ही तो बात है स्थानीय लोगों की शिकायत पर जब डीएम के आदेश पर पीडब्ल्यूडी ने यहाँ पहले नोटिस जारी कर सड़क के दोनों ओर सड़क अतिक्रमण किये गरीब ठेला वाले फल विक्रेता, चाय समोसे वाले, पंचर वाले, गोमती में नाई की दूकान वालो को अतिक्रमण हटाने के लिए पीडब्ल्यूडी और राजस्व विभाग के अफसरों को सड़क की पैमाईश कराने के लिए भेज दिया। कुछ ही दिनों में बेरोजगार की हटी भीड़ से यहाँ रोशनी दिखाई पड़ने लगी। मगर जो लोग आलीशान भवनो के साथ सड़क कब्ज़ा किये हुए है उनके अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस दिए गए। नोटिस के बाद मुनादी भी कराई गई की तय मियाद ख़त्म होने के बाबजूद न तो कब्जे हटे और न ही कोई उनकी सुध लेने आया। अब तो लोग कहने लगे है कि “जबरा मारे और रोने भी न दे”। क्या यही न्याय है ?
राजातालाब क्षेत्र के कचनार गाँव के ला कालेज रोड में गत शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी द्वारा मुनादी कराकर 5 दिन की मोहलत अतिक्रमण अवैध क़ब्ज़ा हटाने के लिए पचासों अतिक्रमणकारियों दिए गए थे। इसमें दिवंगत पूर्व जिला परिषद सदस्य बताऊ पाल के पुत्र जयलाल पाल व पुत्र वधू धर्मा देवी का सड़क पर बना पाल काम्प्लेक्स, सम्पूर्णा लान से सटे कई तीन मंज़िला बनायीं गयी बिल्डिंग। इन सभी पर पीडब्ल्यूडी के अवर अभियंता सीके साहू अतिक्रमण हटाने की जगह का चिन्हांकन भी कर दिए गए। नोटिस और मुनादी की मियाद बुधवार को ख़त्म हो गयी। स्वतंत्रता दिवस के अगले दिन अधिकारियो की व्यस्तता के कारण अतिक्रमण हटाने का दस्ता नहीं आ सका। गुरुवार को लोग राजातालाब में इन्तजार करते रहे कि कुछ होगा मगर कुछ नहीं हुआ। न तो नोटिस मिलने वालो ने अतिक्रमण हटाया और न ही कोई उन्हें हटाने आया। हालाँकि कुछ गरीब लोगों ने स्वयं अपना अतिक्रमण ज़रूर हटा लिया है। अब जनता कह रही है यही फरक है अमीरी और गरीबी में। झोपड़ा और गोमती तो गरीब का था जमींदार की हनक और आवाज में ही ढह गया किसी अवैध जागीरदार को बेघर करके तो देखो तो समझे लोकतंत्र आया है।
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