वाराणसी में की जैव उर्वरक प्रोत्साहन संगोष्ठी सम्पन्न, ड्रोन से नैनों तरल यूरिया का छिड़काव कराया
Varanasi , सम्भागीय कृषि परीक्षण एवं प्रदर्शन केन्द्र वाराणसी द्वारा जैव उर्वरक प्रोत्साहन अभियान के अंतर्गत चाँदपुर स्थित केंद्र के परिसर में एक किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि वाराणसी मंडल के संयुक्त कृषि निदेशक एसएन दूबे रहे व संचालन डा. दुर्गेश सिंह ने किया। इस अवसर पर सेवानिवृत्त कृषि विशेषज्ञ कमलेश श्रीवास्तव, कृषि विज्ञान केंद्र कल्लीपुर प्रभारी डा. नरेंद्र रघुवंशी, जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह मौर्य , अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक डा. अजय कुमार मिश्रा, सहायक निदेशक राजेश कुमार राय, उर्वरक विश्लेषक अरून कुमार, जिला कृषि रक्षा अधिकारी बृजेश कुमार मौजूद रहे।
संगोष्ठी में सेवानिवृत्त कृषि विशेषज्ञ कमलेश श्रीवास्तव ने कहा कि भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने तथा रासायनिक उर्वरकों की उपयोग क्षमता बढ़ाने के लिए कार्बनिक खादों तथा जीवाणु टीकों का किसानों को अवश्य प्रयोग करना चाहिए। इससे नाइट्रोजन उर्वरकों की आंशिक तथा फास्फोरस पोटाश व अन्य पोषक तत्वों की शत-प्रतिशत बचत की जा सकती हैं। इससे कृषि लागत घटेगी, भूमि में जैविक कार्बन बढ़ेगा, लाभकारी जीवाणु बढ़ेंगे व पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा।
संगोष्ठी में कृषि विशेषज्ञ वैज्ञानिको ने किसानों को जैव उर्वरकों का प्रयोग करने की विधि विस्तार से बताई। उन्होंने कहा कि ऐजेटो वैक्टर तथा फास्फोटीका व पोटाश जैव उर्वरक से बीज उपचार करने के लिए दो कप पानी में 50 ग्राम गुड़ खोलकर उसमें जीवाणु टीका मिलाकर बीज बोने से पहले मिलाएं। थोड़ी देर छाया में सुखाकर बिजाई कर दें।
अतिथियों का स्वागत व धन्यवाद ज्ञापन उप कृषि निदेशक शोध अशोक उपाध्याय ने किया। अंत में किसानों को प्रक्षेत्र भ्रमण प्रक्षेत्र अधीक्षक ओम प्रकाश सिंह ने कराया और ड्रोन से नैनों तरल यूरिया का छिड़काव कराया।
गोष्ठी में विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों सहित जौनपुर और वाराणसी ज़िले के दो सौ से अधिक किसान उपस्थिति रहे।
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