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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर धरने के 94 वें दिन महिलाओं ने नाच गाकर मनाई हरियाली तीज

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर धरने के 94 वें दिन महिलाओं ने नाच गाकर मनाई हरियाली तीज

Greater Noida , पिछले 3 महीने से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के विरुद्ध किसान सभा के बैनर तले चल रहे किसानों के धरने में हरियाली तीज के पावन अवसर पर महिलाओं ने अपना त्यौहार भी धरना स्थल पर ही मनाया।

 धरना संपूर्ण रूप से महिलाओं के नाम रहा, धरने की अध्यक्षता कर रही शांति देवी गांव घोड़ी ने कहा कि जब तक हमारे सभी मुद्दे हल नहीं हो जाते हम यहां से जाने वाले नहीं है क्योंकि हमारे मुद्दे पिछले काफी लंबे समय से लंबित हैं और हर बार प्राधिकरण में बैठे हुए अधिकारी और सरकार में बैठे हुए जनप्रतिनिधि हम को गुमराह करते हैं और झूठे आश्वासन देकर हमारे धरने को उठवा देते हैं और बाद में अपनी कही बातों से मुकर जाते हैं इसलिए हमने तय किया है जब तक समस्याओं का समाधान नहीं तब तक घर वापसी नहीं। 

 महिला किसान तिलक देवी ने कहा कि प्राधिकरण पर धरना देते हुए हमको लंबा समय हो गया है और जो लोग सरकार के नुमाइंदे बनकर हमारे मध्य आए थे वह अपने घरों में मजे से हैं उनको किसानों की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है वह सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर हमारे मध्य आते हैं न की  किसान के प्रतिनिधि के तौर पर, इसलिए अब हमने संकल्प लिया है की जब तक हमारी समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता हम यहां से जाने वाले नहीं हैं और ना ही किसी की बातों में आकर अपने धरने को समाप्त करेंगे।

 धरने को संचालित कर रही पूनम भाटी गांव थापखेड़ा ने कहा कि इस बार के धरने में महिला किसानों की संख्या भी पुरुषों के बराबर रही है बल्कि कई  मौकों पर तो पुरुषों से ज्यादा संख्या में महिलाएं धरने पर आई है अब हमने निश्चय किया है कि हमारे जो भी त्यौहार हैं जब तक हम धरने पर हैं तब तक धरना स्थल पर ही अपने त्यौहार मनाएंगे,हमारे त्योहारों का घर पर बैठकर मनाने का कोई मतलब नहीं होता क्योंकि सरकार और प्राधिकरण हमारे हको  पर डाका डालते रहें और हम घर पर त्यौहार मनाए यह हमें मंजूर नहीं।

 महिला किसान जोगेंद्री देवी ने कहा कि हमारे बच्चे शिक्षित होकर भी नौकरी के लिए धक्के खा रहे हैं और हमारी जमीनों पर हजारों की संख्या में उद्योग धंधे स्थापित हैं परंतु हमारे बच्चों के लिए नौकरी नहीं उन्हें लोकल कहकर रोजगार नहीं दिया जाता यह हमारे साथ बहुत बड़ा अन्याय है अगर हमारे क्षेत्र में सरकार को उद्योग धंधे स्थापित करने हैं तो उनमें प्राथमिकता के तौर पर हमारे बच्चों को रोजगार देना होगा वरना हम उग्र आंदोलन करने के लिए विवश हो जाएंगे 22 अगस्त को हमारे बेरोजगार युवा रोजगार की मांग को लेकर प्राधिकरण पर बड़ी संख्या में एकत्रित होंगे उन्हें सहयोग करने के लिए महिलाएं भी बड़ी संख्या में प्राधिकरण पर पहुंचेंगी।

 महिला किसान बाला देवी का कहना है कि हमारे भूमिहीन बहन भाई जो हमारी खेती पर आश्रित थे उनके सामने अपने घर का चूल्हा चलाने का संकट आ गया है क्योंकि जमीने जाने के बाद उनके पास भी रोजगार नहीं है प्राधिकरण को उनके आवास की व्यवस्था करनी चाहिए और सभी भूमिहीनों को 40 वर्ग मीटर का प्लॉट आवास के लिए आवंटित करना चाहिए।

 धरने में मुख्य रूप से महिलाओं में गीता मुंदरेस  बृजेश सरिता निशा ममता सुनीता रामवती अनीता प्रिया कविता पूजा बबीता धर्मावती राजेश मिथिलेश चमन गीता श्यामबती रमेश रामकली कलावती आदि सैकड़ो की संख्या में महिलाओ के साथ-साथ पुरुष भी मौजूद रहे।

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