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किसान आंदोलन 63वे दिन जारी,सुखबीर खलीफा ने दिया समर्थन, सीईओ रितु माहेश्वरी के तबादले से किसान खुश

किसान आंदोलन 63वे दिन जारी,सुखबीर खलीफा ने दिया समर्थन, सीईओ रितु माहेश्वरी के तबादले से किसान खुश

Greater Noida, 24 जून के समझौते के उल्लंघन के नतीजे में 18 जुलाई से किसान सभा ने अपने स्थगित धरने को पुनः दिन-रात के धरने से शुरू किया। 18 जुलाई को हजारों की संख्या में किसान धरना स्थल पर पहुंचे और प्राधिकरण के गेट नंबर 1 के सामने अपना धरना जमा दिया। किसानों में प्राधिकरण के सरकार के विरुद्ध जबरदस्त आक्रोश है, 18 जुलाई को प्राधिकरण की ओर से बातचीत के आमंत्रण को किसान सभा ने यह कहकर ठुकरा दिया कि जब तक 24 जून के समझौते के मध्यस्थ रहे राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर बातचीत में शामिल नहीं होंगे तब तक बातचीत नहीं की जाएगी।

 
 इसी सिलसिले में धरना स्थल पर सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुष शामिल हुए और प्राधिकरण के विरोध में जबरदस्त नारेबाजी की। सैकड़ों की संख्या में भारतीय किसान परिषद के कार्यकर्ता सुखबीर खलीफा के नेतृत्व में अखिल भारतीय किसान सभा को धरना स्थल पर समर्थन देने पहुंचे।

  किसान अपने 10% प्लॉट, रोजगार, भूमिहीनों के प्लाट, नए कानून को लागू करने सहित अन्य मांगों को लेकर पिछले 6 महीने से आंदोलनरत हैं और 25 अप्रैल से लगातार धरनारत है। धरना स्थल पर किसान सभा के जिला एक्शन कमेटी ने अपनी 21 तारीख को जंतर मंतर पर आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर पर हुए हमले के विरोध में होने वाले धरना प्रदर्शन में शामिल होने का फैसला किया है। 21 तारीख को सुबह 10:00 बजे किसान सभा के कार्यकर्ता धरना स्थल से दिल्ली के लिए कुच करेंगे।

  समाजवादी पार्टी और लोकदल के जिला अध्यक्ष क्रमशः सुधीर भाटी और जनार्दन भाटी ने अवगत कराया कि हम जल्द ही अपने दोनों राष्ट्रीय अध्यक्षों से समय लेकर अवगत करा देंगे। किसान सभा के प्रवक्ता डॉ रुपेश वर्मा ने धरने को संबोधित करते हुए कहा की है समस्याओं का हल होने पर ही आंदोलन खत्म होगा जो लोग मध्यस्थ हैं उन्हें अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। यदि जिम्मेदारी से पीछे हटे तो उसकी राजनीतिक कीमत भी उनको चुकानी पड़ेगी।
  संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि किसान सभा देशव्यापी किसानों का सबसे बड़ा संगठन है संयुक्त किसान मोर्चा में विश्वास करता है, हम सभी किसान संगठनों और राजनीतिक पार्टियों की गोलबंदी कर प्राधिकरण को और सरकार को झुकाने का काम करेंगे।
  धरने पर मौजूद सुखबीर खलीफा को भी संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल होने की दावत दी गई, जिस पर भारतीय किसान परिषद के साथियों ने शामिल होने का इरादा जाहिर किया। किसान सभा के जिला अध्यक्ष नरेंद्र भाटी ने कहा मुद्दे तीनों प्राधिकरणों में समान है, ग्रेटर नोएडा हमेशा मुद्दों को सुलझाने में अग्रणी रहा है और प्रतिशत का प्लाट,  मुआवजा बढ़ाना, आबादी की नीति बनवाना, 64 परसेंट मुआवजा बढवाना यह सब निर्णय ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के विरुद्ध किसानों ने संघर्ष कर हासिल किए हैं जिनका लाभ नोएडा और यमुना के किसानों को भी मिला है। अबकी बार भी ग्रेटर नोएडा में 10% और अन्य मुद्दों पर लड़ाई जीती जाएगी, जिसका लाभ अन्य दोनों प्राधिकरण को भी मिलेगा।

सीईओ रितु माहेश्वरी के तबालते से किसानों में खुशी की लहर


 किसान सभा के प्रवक्ता डॉ रुपेश वर्मा ने रितु माहेश्वरी के नोएडा और ग्रेटर नोएडा से तबादले को किसानों की जीत बताया, किसानों में खुशी की लहर है रितु माहेश्वरी किसान विरोधी रवैये के कारण कुख्यात थी ग्रेटर नोएडा के किसान आंदोलन के कारण सीईओ रितु माहेश्वरी का किसान विरोधी नजरिया सरकार की नजर में आ गया था। राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर को मध्यस्थ बनाकर हाई पॉवर कमेटी बनाने के बाबत एक लिखित समझौता ग्रेटर नोएडा के किसान सभा के आंदोलनरत किसानों के साथ किया था, जिस समझौते का सीईओ ने पालन नहीं किया इस कारण सरकार ने सीईओ का तबादला कर किसानों के पक्ष में संदेश देने की कोशिश की है।

  धरने में तिलक देवी, गीता देवी, रमा देवी, जोगेंद्री पूनम, राजेश भाटी, सत्ते, यतेंद्र मैनेजर, निशांत रावल, सुधीर रावल, संदीप भाटी, यतेंद्र भाटी, प्रशांत भाटी, शशांक भाटी, आकाश नागर, अमित नागर, सुरेश यादव, भीम नागर, महाराज सिंह प्रधान, पप्पू प्रधान, राजू शर्मा, मोहित यादव, सुरेंद्र यादव, मदनलाल भाटी, अजय पाल भाटी, हरेंद्र खारी, कुलदीप भाटी, नरेंद्र नागर, सतवीर नागर, कुलदीप नागर, इंद्रजीत भाटी सहित सैकड़ों किसान उपस्थित रहे।

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