किसानों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के दोनों मुख्य द्वारों को बंद किया ,किसानों को पुलिस ने धरने से उठा कर जेल भेजा
Greater Noida , ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर 'घेरा डालो डेरा डालो' संघर्ष के तहत पूरे दिन के लिए प्राधिकरण के दोनों मुख्य द्वारों को बंद कर दिया। किसानों का अपनी मांगों को लेकर लगातार चल रहे आंदोलन का 43वां दिन था।
इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाओं सहित हजारों किसानों ने भाग लिया। किसान सभा गौतमबुद्ध नगर समिति ने प्राधिकरण को चेताया की, अगर किसानो की मांगों को हल करने में प्राधिकरण गवर्निंग बोर्ड अभी भी निष्क्रिय रहती है, तो आने वाले दिनों में उन्हें और भी तीख़े संघर्ष का सामना करना होंगे।
संघर्ष की मुख्य मांग प्राधिकरण द्वारा किसानों के साथ 12 साल पुराने समझौते को लागू करना, जिसमें भूमि के सर्किल रेट का 4 गुना मुआवजा, 10% विकसित भूमि वापस, प्रभावित परिवारों को उद्योग में रोजगार, भूमि विहीन परिवारों को 40 वर्ग मीटर का प्लोट, इलाके के लोगों के लिए शिक्षा एवं स्वास्थ्य तक पहुंच तथा अनुपयोगी भूमि को लीस बेक (पट्टे पर वापिस ) करना शामिल हैं।
किसानों को पुलिस ने धरने से उठा कर जेल भेज
पुलिस धरनास्थल से शाम 6 बजकर 45 मिनट पर 60 किसानों को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन ले गई है. पुलिस ने किसानों द्वारा लगाए गए टेंट हटा दिए हैं।
शाम 5 बजे किसानो ने खुद ही घेरा डालो डेरा डालो संघर्ष समाप्त कर गेट खोल दिए थे और प्राधिकरण के कर्मचारी हमेशा की तरह अपने कार्यालय से निकल गए. संघर्ष शांतिपूर्ण था और पुलिस द्वारा बल का प्रयोग नहीं किया गया था और किसान पक्ष से कोई हिंसा नहीं हुई थी।
किसानों ने पुलिस कार्रवाई का पुरजोर विरोध किया और बड़ी संख्या में पुलिस लाईन पहुँच रहे है। किसानों का कहना है जब तक सभी जायज मांगों को पूरा नहीं किया जाता तब तक पुलिस दमन के बावजूद संघर्ष जारी रहेगा।
विरोध प्रदर्शन में किसान सभा के नेता हन्नान मोल्लाह, पी. कृष्णप्रसाद, इंद्रजीत सिंह, पुष्पेंद्र त्यागी, मनोज कुमार, डॉ. रूपेश वर्मा, वीर सिंह नागर, हरेंद्र खैरी, नरेंद्र भाटी, सूबेदार ब्रह्मपाल, जगबीर नम्बरदार, आशा यादव, रेखा चौहान, प्रशांत भाटी पाली, किसान नेता अमित, मोहित, शशांक, मोनू, सुरेंद्र यादव, सुरेश यादव, राजू, हरेंद्र खारी, शामिल, चांद बेगम, गंगेश्वर दत्त शर्मा आदि शामिल हैं।
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