ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर किसान आंदोलन में महिलाओं ने चूल्हा अंगठी जमा कर डेरा डालने की शुरुआत
Greater Noida , ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर किसान सभा के लगातार धरने के 38 वे दिन, धरने की अध्यक्षता बलबीर सिंह इमलिया ने व संचालन निरंकार प्रधान ने किया। धरने को सूबेदार ब्रह्मपाल, जिला अध्यक्ष नरेंद्र भाटी, किसान सभा उत्तर प्रदेश के नेता दिगंबर सिंह, संदीप भाटी, अजय पाल भाटी, निशांत रावल, यतेंद्र मैनेजर, मदन लाल भाटी, शशांक सिंह ने संबोधित किया।
धरने में मायचा गांव की महिलाएं चूल्हे और अंगठी लेकर धरना स्थल पर पहुंची और डेरा डालने का ऐलान किया, किसानों में जबरदस्त उत्साह है और वह 6 तारीख से पहले से ही डेरा डालने का ऐलान कर रहे हैं। किसान सभा के प्रवक्ता डॉ रुपेश वर्मा ने धरनारत सैकड़ों किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि अबकी बार धरना ऐतिहासिक है, हर कार्यक्रम में हजारों की संख्या में किसान हिस्सा ले रहे हैं, 28 मई की ट्रैक्टर रैली भी ऐतिहासिक रही थी और 2 जून को युवाओं का कार्यक्रम भी ऐतिहासिक रहेगा। किसान सभा के जिला अध्यक्ष नरेंद्र भाटी ने कहा कि किसानों के खिलाफ किए गए अन्याय के कारण प्राधिकरण के विरुद्ध किसानों में भारी आक्रोश है। किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि 10% आबादी प्लाट कोई डिमांड नहीं है बल्कि यह हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार हाई पॉवर कमेटी की सिफारिशों को लागू करने को लेकर है जिसमें प्राधिकरण ने वादाखिलाफी करते हुए किसानों के साथ छल किया है, सर्किल रेट का 4 गुना मुआवजा एवं नए कानून को सभी प्रभावित किसानों पर लागू करना भी कानूनी मांग है जिसको प्राधिकरण जानबूझकर लागू नहीं कर रहा है, 40 वर्ग मीटर का भूमिहीनों का प्लाट भी पतवारी समझौते और 1997 के समझौते के तहत मांगा जा रहा है इसी तरह रोजगार के संबंध में 3 सितंबर 2010 का शासनादेश पहले से मौजूद है जिसको लागू करने की मांग की जा रही है, अन्य समस्याओं में किसानों की प्लाट देने की पात्रता तय करना, किसानों के प्लाट का 40 वर्ग मीटर की सीमा तक विभाजन करना, किसानों के प्लाटों पर लगाई गई पेनल्टी को समाप्त करना, सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार पुश्तैनी गैर पुश्तैनी के फर्क को समाप्त करना, बचे हुए किसानों को 64% मुआवजे का वितरण करना, आबादियों की लीज बैक करना, शिफ्टिंग के अंतर्गत आबादियों के संपूर्ण रकबे की लीजबैक करना एवं अन्य मुद्दे शामिल हैं।
किसान सभा के उपाध्यक्ष ब्रह्मपाल सूबेदार ने कहा कि प्राधिकरण पर किसान अबकी बार पूरे इरादे के साथ जमे हैं अन्य सभी किसान संगठनों एवं विपक्षी पार्टियों को किसान आंदोलन के लिए गोलबंद किया जा रहा है, सरकार प्राधिकरण यदि किसानों की समस्याओं को हल नहीं करता तो इसकी कीमत राजनीतिक तौर पर सत्ताधारी पार्टी को चुकानी पड़ सकती है, किसानों में भारी आक्रोश है हजारों की संख्या में किसान प्राधिकरण पर 6 तारीख को आएंगे यदि आंदोलन उग्र होता है तो उसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन और प्राधिकरण की होगी, प्राधिकरण के अधिकारी रितु माहेश्वरी किसान विरोधी है और किसानों के खिलाफ ही नीतियां बनाने पर जोर देती हैं, उन्होंने अपने कार्यकाल में आवासीय स्कीम निकालते हुए उसमें किसानों के कोटे को लागू नहीं किया है, साथ ही किसानों की एक भी समस्या का भी हल नहीं किया है वार्ता में किसी भी मुद्दे पर हल निकालने पर अपने आप को असहाय बताती हैं।
गबरी मुखिया ने कहा कि जो मुद्दे प्राधिकरण के स्तर के हैं उन्हें भी प्राधिकरण हल नहीं कर रहा है ,आबादियों की सुनवाई के संबंध में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जिन प्रकरणों में सुनवाई हो चुकी है उन प्रकरणों को प्रकाशित नहीं किया गया है न हीं बोर्ड बैठक में ले जाया गया है, इसी तरह मुआवजा वितरण नहीं किया है। एसआईटी जांच में फंसे प्रकरणों की मंजूरी शासन से प्राप्त नहीं की गई है किसानों के छोटे और बड़े सभी मुद्दे लटका कर रखे गए हैं। संदीप भाटी ने कहा कि हम देख रहे हैं कि प्राधिकरण के अधिकारी और कर्मचारी जिन मामलों में कमीशन मिलता है उन्हें करने के लिए तैयार रहते हैं जबकि किसानों के छोटे बड़े सभी मुद्दों को लटका कर रखा हुआ है इसलिए पूरे क्षेत्र का किसान आक्रोशित है और 6 तारीख को बड़ी संख्या में डेरा डालो डेरा डालो प्रोग्राम के लिए किसान प्राधिकरण पर आ रहे हैं। युवा नेता शशांक भाटी ने कहा कि बड़ी संख्या में क्षेत्र के युवा बेरोजगारी के मुद्दे पर अपना प्रदर्शन करेंगे और युवा किसान आंदोलन को न केवल मजबूत करने का काम करेंगे बल्कि किसानों के मुद्दे को हल कराने का काम भी करेंगे।
धरने में पूनम भाटी, ब्रह्म बत्ती, हरबती, चंद्रो, रीना, कमलेश, सोनम, संतराज़ शैलेंद्री, कमलेश, उर्मिला, सुरेंद्र यादव, प्रकाश प्रधान, मनोज प्रधान, सुरेंद्र भाटी, यतेंद्र मैनेजर, राजू नागर, लाला नागर, बिजेंद्र नागर, नितिन चौहान, जयकरण सिंह, अजीत सिंह, मुकेश खेड़ी, अभय भाटी, सतीश खेड़ी, हरेंद्र खारी, ज्ञानू पंडित जी, लक्ष्मी नारायण शर्मा, चमन खारी, प्रवीण शर्मा, स्वयं प्रकाश प्रधान पाली, श्याम सिंह, अमित भाटी, अजब सिंह नेताजी, मोहित भाटी, महेश प्रजापति एवं सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुष किसान उपस्थित रहे।
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