राइट टू एजुकेशन के मामले में वाराणसी की प्रोग्रेस रिपोर्ट डाउन, डा. सुचित्रा चतुर्वेदी ने अफसरों को लगाई फटकार
Varanasi , वाराणसी के सर्किट हाउस में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य शुचिता चतुर्वेदी और ई. अशोक यादव ने अधिकारियों और एनजीओ के लोगों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने आगामी G-20 के आयोजन को देखते हुए काशी को भिक्षाटन मुक्त करने पर जोर दिया। वही राइट टू एजुकेशन को लेकर आयोग की सदस्य सुचित्रा चतुर्वेदी ने अधिकारी को जमकर फटकार लगाई हैं।
समीक्षा बैठक में सरकार द्वारा बच्चों के लिए चलाई जा रही योजनाओं को लेकर अधिकारियों और बैठक में उपस्थित लोगो को जरूरी दिशा निर्देश दिए गए।
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य शुचिता चतुर्वेदी और ई. अशोक यादव ने बताया कि वर्तमान में बात चल रही हैं निशुल्क शिक्षा अधिनियम के मामले में वाराणसी का डेटा पूर्व से कम हो रहा है। ये एक चिंता का विषय है। बाल भिक्षा को रोकने के लिए हम कई सारे योजनाओं पर काम कर रहे है। एडमिशन शुरु होने वाले हैं इसको लेकर भी बातचीत की गई है। सबको ये जानकर की खुशी होगी कि जितने भी एनजीओ यहां आए हुए हैं सभी सरकार के साथ मिलकर काम करने के इच्छुक है। इस लिए जो भी चुनौतियां हैं बाल श्रम, बाल भिक्षा वृत्ति, शिक्षा सभी मामले पर मिलकर कर लेंगे हम।
उन्होंने कहा कि हम यहां आए सभी लोगों से ये निवेदन करना चाहती हूं कि प्रदेश को बाल भिक्षा वृत्ति, बाल श्रम से मुक्त करे और राइट टु एजुकेशन को बढावा दे। समीक्षा बैठक में वाराणसी को भिक्षाटन से कैसे मुक्त किया जाए, उसपर चर्चा की गई, इस दौरान जिला प्रोबेशन अधिकारी सुधाकर शरण पांडेय, बेसिक शिक्षा अधिकारी के प्रतिनिधि, बाल संरक्षण अधिकारी निरूपमा सिंह, श्रम प्रवर्तन अधिकारी पंकज सिंह, खंड शिक्षा अधिकारी मुख्यालय शशांक शेखर शुक्ला, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष स्नेहा उपाध्याय, मंडलीय तकनीकी बाल संरक्षण सलाहकार रिज़वाना परवीन, वल्लभाचार्य पांडेय, डा. लेनिन रघुवंशी, अजय पटेल, राजकुमार गुप्ता, दीपक पुजारी, समेत 40 से अधिक एनजीओ के लोग भी उपस्थित थे।
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