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संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति राष्ट्रीय रोजगार नीति को लागू करने को लेकर करेगी आंदोलन

संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति राष्ट्रीय रोजगार नीति को लागू करने को लेकर करेगी आंदोलन

Delhi News , दिल्ली के कैबिनेट मंत्री एवं देश की बात फाउंडेशन के संस्थापक गोपाल राय ने आज सिविल लाइन्स में संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति द्वारा आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान राष्ट्रीय रोजगार नीति को बनाने की मांग की।

प्रेसवार्ता के दौरान उपस्थित सभी पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने बताया की आज देश में  दो तरह का संघर्ष चल रहा है, एक सत्ता के लिए  संघर्ष और दूसरा  बेरोजगारी का संघर्ष। बेरोजगारी आज देश की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है और उसके समाधान के लिए आज जिस तरह के बेहतर प्रयास करने की ज़रूरत है वह सरकार की तरफ से नहीं दिख रहा है। आलम  यह है  कि  देश को आज़ादी मिले 75 साल हो गए लेकिन अबतक किसी भी सरकार ने राष्ट्रीय रोजगार नीति का मुद्दा ना तो उठाया है और ना ही इस नीति पर कोई चर्चा की है | वर्तमान में सभी सेक्टर के लिए एक समग्र पालिसी बनाने की ज़रूरत है। राष्ट्रीय रोजगार नीति आज के वक्त की मांग है और इसको लागू करके ही बेरोजगारी की समस्या का समाधान हो सकता है। 

  गोपाल राय ने आगे कहा की आज देश में  बेरोज़गारी दर बढ़ती जा रहा है और इसी को देखते हुए देश के तमाम क्षेत्र के बुद्धिजीवीयों  के साथ मिलकर हमारी समिति ने "राष्ट्रीय रोजगार नीति" का ड्राफ्ट तैयार किया है। संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति ने "राष्ट्रीय रोजगार नीति " को देश में लागू करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को दो बार - 20 दिसंबर 2021 और 5 अगस्त २०२२  ज्ञापन भी दिया गया  लेकिन उसपर अभीतक कुछ भी कार्रवाही नहीं की गई है | केंद्र की सरकार ने 2007 में ही  "राष्ट्रीय रोजगार नीति" बनाने के लिए अंतरमंत्रालय में सलाह के लिए भेजी थी, और 2018 में नौकरियों पर नीति दस्तावेज़ तैयार करने के लिए अंतर मंत्रालय समिति का गठन भी किया गया था लेकिन आज तक इसपर अमल नहीं हो सका है। साथ ही 18 जुलाई 2022 को लोकसभा में अपने जवाब में सरकार ने माना है की अभी तक इसके लिए कोई कमिटी भी नहीं बनाई गयी है। इसी कारण संयुक्त रोजगार आंदोलन ने यह निर्णय लिया है की 16 अगस्त से 22 अगस्त को दिल्ली में राष्ट्रीय रोजगार नीति बनाने के लिए आंदोलन की शुरुआत की जाएगी।

  दिल्ली के कैबिनेट मंत्री एवं देश की बात फाउंडेशन के संस्थापक गोपाल राय ने बताया कि प्रधानमंत्री जी को दोबारा पत्र लिखकर यह अपील की गई है की पुरे देश से 200 से ज़्यादा संगठनो के 2000 प्रतिनिधि इस आंदोलन का हिस्सा बनने जा रहे है | इसलिए अगले 7 दिनों में  राष्ट्रीय रोजगार नीति पर चर्चा करने के लिए सरकार हमे समय दे ताकि एक जॉइंट समिति बनाकर इस नीति को देश में लागू किया जा सकें।

क्यों आज है राष्ट्रीय रोजगार नीति बनाने की जरूरत:-


1. ताजा आंकड़ों के मुताबिक  देश के शहरी क्षेत्र में बेरोज़गारी दर आज  9.1 फीसदी और ग्रामीण इलाकों में 6.9 फीसदी है ।

2 . 2014-22 में 22 करोड़ लोगों ने  नौकरी के लिए अप्लाई किया उसमें सिर्फ 7 लाख लोगों को नौकरी मिल पायी। आठ साल पहले केंद्र की सत्ता में आई मोदी सरकार ने तब हर साल दो करोड़ युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था. लेकिन  सरकार ने संसद में जो आंकड़े पेश किए हैं, वे हक़ीक़त की दूसरी ही तस्वीर बयान करते हैं. ये जानकर हैरानी होती है कि सरकार इन आठ सालों में औसतन हर साल एक लाख युवाओं को भी सरकारी नौकरी नहीं दे सकी है. लोकसभा में सरकार के दिये आंकड़ों के मुताबिक मई 2014 में  सत्ता संभालने से लेकर अब तक अलग-अलग सरकारी विभागों में कुल 7 लाख 22 हजार 311 आवेदकों को सरकारी नौकरी दी गई है.

3 . सीएमआईई के आंकड़े बताते हैं कि हालांकि महिलाएं भारत की 49 फीसदी आबादी का प्रतिनिधित्व करती हैं, लेकिन वे इसके आर्थिक उत्पादन में केवल 18 फीसदी का योगदान करती हैं, जो वैश्विक औसत का लगभग आधा है। विश्व बैंक द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों से इसकी पुष्टि होती है कि 2010 और 2020 के बीच, भारत में कामकाजी महिलाओं की संख्या 26 प्रतिशत से गिरकर 19 प्रतिशत हो गई, और सीएमआईई के अनुसार, 2022 में यह संख्या केवल 9 प्रतिशत है ।

4  .  हाल के वर्षों में सार्वजनिक क्षेत्र के रोजगार में तेज गिरावट आई है। रोजगार उपलब्ध कराने में सार्वजनिक क्षेत्र की अक्षमता ने युवाओं को निजी क्षेत्र के रोजगार के लिए लाइन में खड़ा कर दिया है, लेकिन इसी अवधि में आम तौर पर भारतीय अर्थव्यवस्था को जो झटका लगा है, उसने निजी क्षेत्र के तहत आने वाले रोज़गार में भी भारी कमी आ गयी  है। अभी ताज़ा में अग्निपथ योजना के खिलाफ युवाओं द्वारा हाल ही में विरोध देश के युवाओं में बढ़ते रोष को इंगित किया है । इस बेरोजगारी का प्रभाव युवाओं में  हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने के रूप में  दिखाई दे रही है | 

5. आज  भारत की बेरोजगारी दर बढ़कर आज  उच्च स्तर 7.6 प्रतिशत पर पहुंच गई है।

 प्रेस वार्ता में उपस्थित रहे समिति के तमाम लोग -श्री कृष्णा  यादव (देश की बात फाउंडेशन)  आयिशी घोष (JNUSU), नयन धवल (RJDSU ), अरुण हुडा (DUSU), मैमूना (AIDWA)  गौहर रज़ा (वैज्ञानिक चिंतक)  वी एम् सिंह (राष्ट्रीय  किसान  मज़दूर  संगठन) अनुराग सक्सेना (CITU) जगतार सिंह (भूमि  बचाओ   अभियान, संयुक्त किसान मोर्चा गजीपुर  बॉर्डर),  मनोज सिंह (DTA) रितेश भरद्वाज (Supreme Society of India), अमरेश  कुमार (All India Youth league),   रोहित लाकड़ा (AAP youth wing),  रविंद्र तोमर (Human Right & Social Justics Trust), कुलदीप (CYSS),  प्रियंका चतुर्वेदी (Aadisom Welfare society), प्रोफेसर . बिभूति  भूषण  मोहपात्रा  (DU) रमेन्दर  कुमार (TUCC) गजेंद्र  सिंह  (AAP Kisan Cell) गुलेश  जैनेर (SVS), बलराज  भट्टी (Bhartiya Kisan Union)  

नेशनल एम्प्लॉयमेंट पालिसी के प्रमुख बिंदु


1- केंद्र व राज्य सरकार के सभी खाली पदों की तय समय सीमा में भर्ती की जाए।  
2-देश के सभी बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिया जाए।  
3-पूरे देश में आज की महंगाई के हिसाब से न्यूनतम मज़दूरी में बढ़ोत्तरी की जाए। 
4-पूरे देश से ठेकेदारी पर भर्ती व्यवस्था समाप्त करके उसके स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था लागू की जाए।  
5-पूरे देश में सामान काम के लिए सामान वेतन लागू किया जाए।
6-ग्रामीण क्षेत्रो में लागू मनरेगा योजना की तरह शहरी क्षेत्रो में भी सरकारी रोजगार योजना लागू की जाए।  
7-कृषि उपज पर MSP गारंटी कानून बनाया जाए।      
8-पूरे देश में प्राकृतिक संसाधनों एवं कृषि उपजों के अनुरूप स्थानीय स्तर पर मिनी टेक्नोलॉजी द्वारा लघु उद्योग स्थापित किये जाए। 
9-पूरे देश में ब्लॉक स्तर पर मिनी मार्केट का निर्माण किया जाए। 
10-मिनी मार्केट को स्टेट, नेशनल व इंटरनेशनल मार्केट से जोड़ा जाए।

16 अगस्त को आंदोलन की शुरुआत तिरंगा पद यात्रा से होगी। 16 अगस्त सुबह 2000 लोग गगन सिनेमा हॉल, के पास नन्द नगरी से तिरंगा पद यात्रा करते हुए जंतर मंतर जायेगे.

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