फ्लैट बॉयर्स को ठगने वाले बिल्डरों पर कार्यवाही के लिए आम आदमी पार्टी ने दिया ज्ञापन
Greater Noida ,जनपद गौतम बुद्ध नगर के अंतर्गत आनेवाले नोएडा ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के विभिन्न हाउसिंग प्रोजेक्टों में बिल्डरों द्वारा ठगे गये निवेशकों और फ्लैट खरीदारों के सैकड़ों करोड़ रुपयों की बिल्डर माफिया से वसूली की माँग को लेकर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर के नाम का ज्ञापन सूरजपुर जिला मुख्यालय पर सिटी मजिस्ट्रेट उमेश चंद निगम को दिया ।
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता प्रो ऐ के सिंह ने बताया जिले के तीनो प्राधिकरण के विभिन्न हाउसिंग प्रोजेक्टों में जालसाज बिल्डरों ने लाखों आवासीय फ्लैट व व्यवसायिक दुकाने बेच कर कई हज़ार करोड़ रुपये बिल्डरों ने खरीदारों से लिऐ थे वर्षो के इंतजार के बाद भी बिल्डरों ने फ्लैट बायर्स को उनके फ्लैट या व्यवसायिक दुकानों का कब्जा नहीं दिया। ऐसे हजारों पीड़ित निवेशकों ने रेरा न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और बिल्डरों से पैसे वापसी के लिए रिट दाखिल की जिस पर रेरा न्यायालय ने हजारों निवेशकों के पक्ष में पैसे वापसी के आदेश दिए परंतु बिल्डरों ने पैसे वापस नहीं किए । जिस पर मा. रेरा न्यायालय ने पैसे वसूली के लिए रिकवरी सर्टिफिकेट जारी कर जिलाधिकारी को वसूली के लिए भेजा परंतु रिकवरी सर्टिफिकेट जिलाधिकारी कार्यालय में कई सालों से लंबित पड़े हैं जिस पर कोई कार्रवाई प्रशासन द्वारा नहीं की जा रही है । प्रशासन ने न तो बिल्डरों के खातों की सीज किया न ही कोई कार्रवाई की। किसी बिल्डर के खाते अगर सीज भी किए तो केवल डिफंक्ट खातों को सीज किया गया वह भी दिखावे के लिए। अभी तक प्रशासन ने एक भी बिल्डर पर एफआईआर दर्ज करते हुए गिरफ्तारी नहीं की । प्रशासन द्वारा उनकी संपत्ति कुर्क करने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है जबकि हजारों की संख्या में निवेशकों के कई सौ करोड़ रुपए बिल्डरों के पास गैर कानूनी तरीके से जमा है।
आश्चर्य की बात यह है कि बिल्डरों ने प्रशासन को कुर्क करने की ऐसी संपत्तियां बताई हैं जो या तो गैर कानूनी ढंग से बनाई गई हैं या उनके नक्शे पास नहीं है या ऐसी स्थिति में है कि उनको निलामी मे कोई खरीदेगा ही नहीं। इस तरीके से बिल्डर या तो प्रशासन को धोखा दे रहे हैं या मिलीभगत है?
कई बिल्डर तो ऐसे हैं जिन्होंने गौतम बुध नगर में पूर्व में अपने कार्यालय खोले थे अब अन्यत्र चले गए । प्रशासन कहता है कि ऐसे बिल्डरों से वसूली संभव नहीं है । जबकि नियम के तहत ऐसे बिल्डरों पर अपराधिक साजिश के तहत मुकदमा दर्ज कराते हुए इन्हें गिरफ्तार किया जाता और बकाए राशि की वसूली करते हुए जेल भेजा जाता । परंतु प्रशासन अपने दायित्वों से या तो भाग रहा है या तो इन्हें प्रश्रय दे रहा है। ऐसा भी संज्ञान में आया है कि बकाया वसूली के जिम्मेवार अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा अपने निजी लाभ के लिए बिल्डरों से मिल जाते हैं और वसूली नहीं करते । इन पर भी कड़ी नजर रखने और लगाम लगाने की जरूरत है??
आम आदमी पार्टी ने मांग की है कि रेरा न्यायालय द्वारा जारी की गई रिकवरी सर्टिफिकेट पर वसूली अतिशीघ्र करे । जो आरसी 6 महीने या इससे पहले जारी हुई है ऐसे बिल्डरों पर एफआईआर दर्ज करते हुए जेल भेजा जाए । इनके कार्यालय व बैंक अकाउंट सभी सीज कर वसूली की जाए। कार्रवाई ना करने की दशा मे पार्टी सड़क पर मजबूती से आन्दोलन करेगी।
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह, केपी सिंह, दिलदार अंसारी, अनिल चेची,परशुराम चौधरी, मुकेश प्रधान, राकेश अवाना, नितिन प्रजाति, प्रदीप सुनईया, यामीन अंसारी, यशपाल चौहान,विनीत,एड मनीष भाटी, सरताज, रियाजुल, इसराउल, राईस ठाकुर,बाबू भाई, गफ्फार भाई रवि कुमार सहित कई अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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