Uttar Pradesh News : आवश्यक दवाओं के मूल्य में हुई भारी वृद्धि को तत्काल वापस लेने के लिए हस्ताक्षर अभियान
Uttar Pradesh , वाराणसी मंगलवार की शाम को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर ज्वाइंट एक्शन कमेटी एवं स्वास्थ्य का अधिकार अभियान से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हस्ताक्षर अभियान के माध्मय से मूल्य वृद्धि तत्काल वापस लेने की मांग की। कार्यक्रम स्थल पर ज्वाइंट एक्शन कमेटी के धनञ्जय ने कहा कि विगत दिनों राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने दर्द निवारक, विभिन्न संक्रमणों एवं हृदय, किडनी, अस्थमा, टीबी , संक्रमण, त्वचा, एनीमिया, डायबिटीज, रक्त चाप, एलर्जी, विषरोधी, खून पतला करने की दवा, कुष्ठ रोग, माइग्रेन, पार्किंसन, डिमेंशिया, साइकोथेरैपी, हार्मोन, उदर रोग आदि से सम्बन्धित लगभग 800 आवश्यक दवाओं के मूल्य को लगभग 11 प्रतिशत बढाने की संस्तुति दी है, इससे दवाओं के दाम बढ़ेंगे।
सामाजिक कार्यकर्ता वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि इस भारी वृद्धि से देश के आम आदमी पर बड़ा बोझ पड़ेगा। विगत दो तीन वर्षों से व्याप्त कोरोना संक्रमण के संकट, बेतहाशा बढती मंहगाई और आर्थिक मंदी के दौर में आवश्यक दवाओं के मूल्य में वृद्धि किया जाना अमानवीय और अव्यावहारिक है. इससे आम जनता बुरी तरह प्रभावित होगी। डीजल, पेट्रोल, गैस आदि के मूल्य वृद्धि का असर लगभग सभी वस्तुओं पर पड़ रहा ऐसे में दवाओं के मूल्य में बढ़ोत्तरी होना काफी कष्टकारक होगा । वरिष्ठ नागरिको पर भी इस वृद्धि से काफी प्रभाव पड़ेगा । पूर्व के वर्षों में इन दवाओं के मूल्य में वार्षिक वृद्धि की दर एक से दो प्रतिशत ही हुआ करती थी । उदाहरण के लिए वर्ष 2019 में ने दवाओं की कीमतों में दो प्रतिशत और इसके बाद साल 2020 में मात्र 0.5 प्रतिशत की वृद्धि ही की गयी थी किन्तु इस बार एक साथ 11 प्रतिशत दाम बढाना घोर निंदनीय है ।
कार्यकर्ताओं ने बताया कि जिन दवाओं के दाम में इजाफा होने वाला है उनमें सबसे आम उपयोग में लाई जाने वाली पैरासिटामोल के अलावा एजिथ्रोमाइसिन, मेट्रोनिडाजोल, सिप्रोफ्लोक्सासिन हाइड्रोक्लोराइड, फेनोबार्बिटोने जैसी दवाएं शामिल हैं । साथ ही कोरोना के इलाज में इस्तेमाल की जानें वाली दवाइयों के अलावा कई विटामिन, खून बढ़ाने वाली दवाएं, मिनरल, एंजाइम आदि को भी इसमें रखा गया है, इस प्रकार देश में प्रयोग होने वाली कुल दवाओं के लगभग 16 प्रतिशत पर इस मूल्य वृद्धि का सीधा असर पड़ेगा, जो आम आदमी को बुरी तरह प्रभावित करेगा ।
हस्ताक्षर अभियान के दौरान देश में स्वास्थ्य के अधिकार का कानून बनाने, स्वास्थ्य सेवाओं को सस्ता सुलभ और बेहतर बनाने, स्वास्थ्य का बजट बढाने, हर गाँव में एम्बुलेंस सेवा आदि विभिन्न मांगों के साथ ही दवाओं की मूल्य वृद्धि तत्काल वापस लेने की माँग की गयी ।
सभी के लिए समान, सस्ती और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता के लिए देश में स्वास्थ्य का अधिकार कानून बने।
स्वास्थ्य सेवाओं पर निगरानी के लिए स्वास्थ्य आयोग का गठन किया जाए ।
हस्ताक्षर अभियान के दौरान मुख्य रूप से राजकुमार पटेल, दीन दयाल सिंह, विशाल, ओम शुक्ला, चिंतामणि सेठ, चंदा देवी, बाबू लाल सोनकर,जय मौर्या, रवि शेखर, एकता शेखर, शांतनु, मुरारी, राणा रोहित, नीरज ,इंदु पांडेय आदि लोग मौजूद थे।
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