Uttar Pradesh महिला हिंसा के खिलाफ सड़क पर उतरीं महिलाएं, महिला महा सम्मेलन में दहेज,शराब,बाल विवाह यौन उत्पीड़न पर रोक लगाने की माँग
Uttar Pradesh घरेलु महिला हिंसा, लैंगिक भेदभाव, यौन उत्पीड़न के खिलाफ मंगलवार को हजारों महिलाएं सड़क पर उतरीं। आक्रोशित महिलाओं ने उत्तर प्रदेश में पूर्ण शराब बिक्री पर रोक लगाने की माँग भी की।
महिला चेतना समिति, लोक समिति,दिहाड़ी मजदूर संगठन, और आशा ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित महा सम्मेलन कार्यक्रम में आराजी लाइन और सेवापुरी ब्लाक के करीब 70 गाँव से हजारों महिलाओं ने ढोल नगाड़ों के साथ राजातालाब बाजार से तहसील तक जन आक्रोश रैली निकाली।
महिलाएं समानता के अधिकार के लिये रैली में महिलाओं ने महिला हिंसा बंद करो, छेड़खानी पर रोक लगाओ, शराब बेचना बंद करो, चुप नही रहना है हिंसा नही सहना है, भेदभाव मिटायेंगे नया समाज बनाएंगे आदि के जोरदार नारे लगाते हुए तहसील पर पहुँचे। तहसील पहुँचते ही तहसील परिसर में अफरातफरी का माहौल बन गया, लड़कियों महिलाओं के हुँकार से पूरा तहसील परिसर गूँजने लगा। रैली के दौरान जी टी रोड पर अफरातफरी का माहौल बन गया सड़क के दोनों किनारो गाड़ियों की लंबी लाइन लग गयी और घंटो जाम की स्थिति बन गयी। तहसील पर पहुँचकर लोगों ने महामहिम राष्ट्रपति को सम्बोधित तेरह सुत्रीय मांगपत्र उपजिलाधिकारी को सौपा।।
रैली के उपरान्त तहसील राजातालाब के समीप जी0 टी0 रोड के किनारे में महिला महा सम्मेलन का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का उद्घाटन लोक चेतना समिति की निदेशिका रंजू सिंह, किशोर न्याय बोर्ड की पूर्व सदस्य जागृति राही, सामाजिक कार्यकर्ता तनुजा मिश्रा तथा लोक समिति के संयोजक नन्दलाल मास्टर ने दीप जलाकर किया। इस अवसर पर आयोजित सभा में महिलाओं ने महिला हिंसा को जड़ से मिटाने का संकल्प लिया। गाँव की महिलाओं ने नाटक,गीत, सभा के माध्यम से अपने अधिकार की माँग किया। महिला चेतना समिति कि निदेशिका रंजू सिंह ने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकार के प्रति सजग होना होगा। समाज में बराबरी के लिये उनकी राजनीतिक भागीदारी जरुरी है। किशोर न्याय बोर्ड की पूर्व सदस्य जागृति राही ने महिलाओं और लड़कियों को उनके अधिकार और विभिन्न कानूनों की जानकारी दिया। लड़कियों और महिलाओं को आपातकाल के दौरान मदद के लिये शुरू किये गए हेल्पलाइन लाइन नम्बर 100, 181, 1090 का इस्तेमाल करने के बारे में बताया और लड़कियों के सुरक्षा के लिए बनाये गए पॉस्को कानून की भी जानकारी दिया।सामाजिक कार्यकर्ता पारमिता ने कहा कि आये दिन हर गांव शहर में लड़कियों और महिलाओं के साथ हिंसा छेड़खानी,व बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं। सरकार को इन हैवानो के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने ने कहा कि हमे अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वयं अपनी हाथ में लेनी होगी। समाजिक कार्यकर्ती तनुजा मिश्रा ने कहा कि गाँव ज्यादातर लोग शराब में डूब चुके है, इसका खामियाजा महिलाओं को भुगतना पड़ रहा है महिलाओं के उपर होने वाली घरेलूहिंसा,उत्पीड़न, बलात्कार,मारपीट,आदि का सबसे बड़ा जिम्मेदार शराब है। शराब को पूरे प्रदेश में बन्द कर देनी चाहिए।
धरने में मुख्य रूप से रंजू सिंह,अनीता,सरोज, सोनी, आशा,मधुबाला ,शमबानो,ज्योति, सीमा,आशा रानी,नीलम,पुष्पा,प्रेमा,चन्द्रकला,आशा,,ममता,मैनम, कुसुम पूजा,सितारा,मनजीता, नन्दलाल मास्टर, शर्मिला,राजेश अमित, श्यामसुन्दर,विजय,रामबचन,सुनील,विनय सिंह,वल्लभ पाण्डेय, निसार अहमद आदि लोग शामिल रहे। रैली का नेतृत्व अनीता पटेल, संचालन सोनी और आशा ,अध्यक्षता रानी और धन्यवाद ज्ञापन सरोज ने किया।
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