International Women's Day 2022: वाराणसी की इस बहू पर किसे न हो नाज, वो महिला जिसके जीवन का मकसद है हर बच्चे को शिक्षित करना
International Women's Day 2022: शिक्षा के बाजारीकरण के दौर में निःस्वार्थ भाव से गांव के गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करना, किसी बच्चे की शिक्षा में किसी तरह की कमी न आने पाए, आर्थिक तंगी न सताए इसका भी इंतजाम करने वाली वाराणसी के आराजीलाइन क्षेत्र के राजातालाब क्षेत्र की बहू पूजा ने आज वो मुकाम हासिल किया है जो कम लोग कर पाते हैं।
पूजा की चिंता बस और बस बच्चों को अच्छी तालीम प्रदान कराना है। इसके लिए उन्होंने आरटीई को ढाल बनाया और हर साल ऐसे तमाम गरीब बच्चों का दाखिला अच्छे व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा वाले विद्यालयो में कराने से भी नहीं चूकतीं।
वाराणसी की बहू पूजा गुप्ता जिसने ठानी है गांव के हर बच्चों को शिक्षित करने की वाराणसी की बहू पूजा गुप्ता जिसने ठानी है गांव के हर बच्चों को शिक्षित करने की
एलकेजी से आठवीं तक की शिक्षा वो भी निःशुल्क
मुंबई यूनिर्वर्सिटी से स्नातक पूजा राजातालाब के कचनार गांव में पिछले तीन साल से विपन्न परिवार के बच्चों की तालीम के लिए संघर्षरत हैं। उन्होंने अपने निवास पर ही एलकेजी से लेकर आठवीं कक्षा तक के बच्चों को न केवल निःशुल्क शिक्षा दे रहीं बल्कि उनके लिए कापी-किताब तक का मुफ्त इंतजाम भी करती हैं।
उन बच्चों को शिक्षित कर रहीं जिनका परिवार बड़ी मुश्किल से दो जून की रोटी जुटा पाता है
पूजा के विद्यार्थियों में ऐसे परिवार के बच्चे हैं जिनके पास बच्चों को स्कूल भेजने से लेकर परिवार की रोजमर्रा की जरूरत के सामान जुटाने का भी सामर्थ्य नहीं है। लेकिन उन परिवारों के बीच पूजा ने वो विश्वास पैदा किया है कि वो अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए उनके पास जरूर भेजते हैं। दरअसल पूजा का मकसद इन बच्चों को बेहतर तालीम दे कर मुख्य धारा में लाना है।
केवल घर पर पढ़ाती ही नहीं आरटीई की मदद से स्कूलों में दाखिला भी दिलाती हैं
पूजा अपने समाज सेवी पति राजकुमार गुप्ता की मदद से हर साल आरटीई के मार्फत इन गरीब बच्चों का दाखिला कराती हैं। पूजा और राजकुमार मिल कर विकास खंड आराजीलाइन के 500 से ज्यादा बच्चों का दाखिला सरकारी और निजी स्कूलों में कराया है। उद्देश्य महज इतना कि गांव क्या ब्लाक को कोई गरीब बच्चा अनपढ न रहे।
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