UP Assembly Elections 2022: बीजेपी और बीएसपी की घेराबंदी में फंसे ओमप्रकाश राजभर
UP Assembly Elections 2022: पूर्वांचल के कई सूरमा चुनावी मैदान में हैं। इनमें सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर प्रमुख हैं। ओमप्रकाश गाजीपुर की जहूराबाद सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन यहां वह चौरतरफा घिरे हैं। बसपा ने समाजवादी पार्टी की विद्रोही शादाब फातिमा को राजभर के खिलाफ मैदान में उतारा है। शादाब 2012 में यहां से सपा से जीती थी। बीजेपी ने कालीचरन राजभर को मैदान में उतार है। कालीचरन भी यहां से दो बार (2002 व 2007) बसपा के विधायक रह चुके हैं।
ओमप्रकाश की आसान नहीं है राह
जहूराबाद के सियासी जंग में तीन बड़े चेहरे मैदान में हैं। इसमें से दो ने पार्टी बदली है तो ओपी राजभर ने गठबंधन। ओमप्रकाश राजभर के लिए जातीय समीकरण के लिहाज से जहूराबाद सीट सुरक्षित नजर आ रही थी। यही वजह है कि वह वाराणसी की शिवपुर सीट से अपने बेटे अरविंद राजभर को उतार कर खुद यहां आए।
सुभासपा का दावा जीतेंगें सभी 18 सीटें
सुभासपा के प्रदेश प्रवक्ता शशि प्रताप सिंह का कहना है कि कहीं कोई चुनौती नहीं है। सपा गठबंधन में मिलीं सभी 18 सीटें पार्टी जीत रही है। सुभासपा संडीला, मिश्रिख, खड्डा, रामकोला, सदर महाराजगंज, सलेमपुर, बेल्थरा रोड, रसड़ा, जखनिया, जहूराबाद, जफराबाद, शिवपुर, अजगरा, सदर मऊ, मेहनगर, शोहरतगढ़, धनघटा और महादेवा पर चुनाव लड़ रही है।
जहूराबाद सीट का जातीय समीकरण
जहूराबाद में पौने चार लाख वोटर है। दलित 70-75 हजार हैं। राजभर 65-67 हजार के करीब हैं। यादव मतदाताओं की तादाद करीब 45 हजार है। जबकि करीब 35 हजार चौहान, 30 हजार मुस्लिम और 15 हजार ब्राह्मण मतदाता हैं। यह तो बाद में पता चलेबा कि जहूराबाद की जंग का सिकंदर कौन होगा, पर लड़ाई त्रिकोणात्मक है। जातीय समीकरण के हिसाब से ओमप्रकाश राजभर, शादाब फातिमा और कालीचरन राजभर तीनों के लिए ही मुश्किल भरी राह है।
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