UP West : नेताजी पसीना-पसीना, यूपी चुनाव के पहले चरण में इन दिग्गजों की संतानों की साख दांव पर
UP West के 11 जिलों पर पहले चरण के लिए सुबह 7 बजे से ही मतदान जारी हैं। पहले चरण में कुल 58 सीटों पर मतदान हो रहा है जिसमें कुल 623 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा। इस सूची में 63 महिलायें भी शामिल हैं। इस चरण में कई बड़े नेताओं के बेटे-बेटी चुनाव लड़ रहे हैं जिनकी साख इस बार दांव पर है। किसी के सामने अपने पिता की सियासी विरासत को बनाए रखने की भी चुनौती है।
कल्याण सिंह का पोता मैदान में है
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता कल्याण सिंह की तीसरी पीढ़ी सियासी मैदान में है। कल्याण सिंह का पोटा और ऐटा के मौजूदा सांसद राजवीर सिंह के बेटे संदीप सिंह भी इस बार चुनावी मैदान में हैं। अलीगढ़ जिले की अतरौली विधानसभा सीट से संदीप सिंह मैदान में है। ये दूसरी बार है जब वो अतरौली से चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले वर्ष 2017 में इसी सीट से उन्होंने चुनाव लड़ा था और जीत भी दर्ज की थी। इस बार मैदान में उनके खिलाफ सपा से वीरेश यादव, बसपा से ओमवीर सिंह और कांग्रेस से धर्मेन्द्र कुमार मैदान में है। इस बार सपा को RLD का समर्थन प्राप्त है।
राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह नोएडा सीट दूसरी बार चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरे हैं। इसी सीट से वर्ष 2017 में भी चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। इस बार उनके लिए स्थिति थोड़ी कठिन है क्योंकि विपक्ष ने पूरी तैयारी कर रखी है। इस सीट से ब्राह्मण वोट को साधने के लिए कांग्रेस और बसपा ने ब्राह्मण कार्ड खेला है जबकि सपा ने गुर्जर प्रत्याशी को मैदान में उतारा है। ऐसे में इस बार का मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है।
पंकज मलिक बनाम सलमान सईद
पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर की चरथावल विधानसभा सीट पर मुकाबला इस बार काफी रोचक बन गया है। यहाँ दो दिग्गज नेताओं के बेटे आमने-सामने हैं। सपा की टिकट से पूर्व सांसद हरेन्द्र मलिक के बेटे पंकज मलिक के सामने पूर्व सांसद सईदुज्जमा के बेटे और बसपा प्रत्याशी सलमान सईद हैं।
बता दें हरेन्द्र मलिक पश्चिमी यूपी में जात समुदाय के बीच काफी लोकप्रिय हैं। वहीं इन दोनों के खिलाफ भाजपा प्रत्याशी सपना कश्यप और कांग्रेस प्रत्याशी यासमीन राणा मैदान में हैं। वर्ष 2017 में इस सीट से भाजपा प्रत्याशी विजय कुमार कश्यप ने जीत दर्ज की थी।
मेरठ कैंट सीट पर अहलावत
मेरठ कैंट विधानसभा सीट पर RLD की टिकट पर मनीषा अहलावत चुनावी मैदान में है। मनीषा अहलावत मेरठ के सरधना के पूर्व विधायक चंद्रवीर सिंह की बेटी हैं। इनके खिलाफ बीजेपी ने अमित अग्रवाल को, बसपा ने अमित शर्मा और कांग्रेस ने अवनीश काजला को मैदान में उतारा है।
वर्ष 2017 में भाजपा प्रत्याशी सत्यप्रकाश अग्रवाल ने जीती थी जो चार बार मेरठ कैंट सीट से विधायक भी रहे हैं। इस बार भाजपा ने अपना प्रत्याशी बदला है।
फतेहाबाद सीट पर रुपाली दीक्षित
आगरा की फतेहाबाद विधानसभा सीट पर सपा के टिकट पर रुपाली दीक्षित चुनावी मैदान में हैं। रुपाली दीक्षित माफिया बाहुबली और गैंगस्टर अशोक दीक्षित की बेटी हैं। अशोक दीक्षित फतेहाबाद सीट से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं, परंतु उन्हें जीत नहीं मिली। फिलहाल वो जेल में बंद हैं। ऐसे में सपा ने उनकी बेटी रूपाली को मैदान में उतारा है जिनके सामने बीजेपी से छोटेलाल वर्मा, बसपा से शैलेंद्र प्रताप सिंह उर्फ शैलू और कांग्रेस से होतम सिंह निषाद चुनावी मैदान में हैं।
नाहिद हसन बनाम मृगांका सिंह
पश्चिमी यूपी के शामली जिले की कैराना विधानसभा सीट पर दो सियासी परिवार आमने सामने हैं। ये दो राजनीतिक वारिसों के बीच बड़ी सियासी जंग मानी जा रही है। एक तरफ सपा से विधायक नाहिद हसन मैदान में तो दूसरी तरफ बीजेपी से मृगांका सिंह चुनावी मैदान में। नाहिद हसन के पिता मुनव्वर हसन से लेकर मां तबस्सुम हसन तक सांसद हैं ऐसे में उनके लिए ये जीत काफी महत्वपूर्ण हो जाती है।
बीजेपी से मृगांका सिंह पूर्व सांसद हुकुम सिंह की बेटी हैं। वो यहाँ से दो बार चुनाव हार चुकी हैं जबकि यहाँ जीत का हुकुम सिंह का रिकार्ड रहा है। एक बार मृगांका सिंह को नाहिद हसन ने खुद हराया तो दूसरी बार नाहिद हसन की माँ ने हराया था। इस बार मृगांका सिंह के लिए ये चुनाव उनकी प्रतिष्ठा से जुड़ गया है।
बागपत सीट: अहमद हमीद
बागपत का चुनावी जंग भी काफी दिलचस्प माना जा रहा है। यहाँ भले ही चौधरी चरण सिंह की सियासी तूती बोलती रही है परंतु इस सीट पर दबदबा नवाब परिवार का रहा है। इस बार नवाब परिवार की तीसरी पीढ़ी के अहमद हमीद इस सीट से RLD की टिकट से मैदान में हैं। इस सीट से भाजपा के मौजूदा विधायक योगेश धामा, बसपा से अरुण कसाना और कांग्रेस से अनिल देव त्यागी मैदान में हैं।
मो. युनूस बनाम प्रदीप चौधरी
बुलंदशहर सदर विधानसभा सीट पर RLD के टिकट से लड़ रहे हाजी युनूस के सामने अपने भाई मोहम्मद अलीम की सियासी विरासत को बरकरार रखने की चुनौती है। इस सीट से मोहम्मद अलीम दो बार लगातार विधायक रहे हैं। वर्ष 2017 में मोदी लहर के बावजूद उन्होंने इस सीट से जीत दर्ज की थी और बीजेपी के वीरेंद्र सिंह सिरोही ने हराया था।
हाजी युनूस के सामने इस बार इस सीट से बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप चौधरी, बसपा से कल्लू कुरैशी और कांग्रेस से सुशील चौधरी मैदान में है।
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