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UP News: महिलाओं की बोली लगाने वाले ' Bully Bai Case ' के ख़िलाफ़ बनारस में फूटा गुस्सा,सोशल मीडिया पर हो रही छेड़खानीयों के विरुद्ध अनूठा प्रदर्शन

UP News: महिलाओं की बोली लगाने वाले ' Bully Bai Case ' के ख़िलाफ़ बनारस में फूटा गुस्सा,सोशल मीडिया पर हो रही छेड़खानीयों के विरुद्ध अनूठा प्रदर्शन

 वाराणसी , सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों पर आये दिन महिला, बच्चों और ट्रांसजेंडर नागरिकों के प्रति असभ्य भाषा और अश्लील पोस्टों के ख़िलाफ़ बनारस में लोगों का फूटा गुस्सा।
 इन निंदनीय घटनाओं के खिलाफ़ "दख़ल संगठन" द्वारा चेत सिंह घाट पर शुक्रवार को अनूठा विरोध प्रदर्शन किया गया। *यौन हिंसा के घिनौने चेहरे को उजागर करते हुए चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गई* । बीएचयू , काशी विद्यापीठ और अन्य संस्थानों के विद्यार्थियों द्ववारा बनाए गए इन चित्रों ने गम्भीर संदेश दिया।

महिला और ट्रांजेंडर के मुद्दों पर समाज में दस्तक दे रहे ' दख़ल ' संगठन द्वारा इंटरनेट पर हो रही अभद्रता, अवांछनीय कॉमेंट्स, ट्रोलिंग, अश्लील मीम्स और ' बुली बाई ऐप ' पर 100 से ज्यादा मुस्लिम महिलाओं की बोली लगाने के असहनीय दुष्कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए विरोध के प्रतीक के तौर पर *काले रंग के गुब्बारे विरोधामत्क स्लोगन के साथ आसमान में छोड़े।* 

यौन हिंसा के विरोध में लिखे नारों के पोस्टर व प्रदर्शनकारियो के गले मे लटकी तख्तियों ने घाट पर घूम रहे लोगो का ध्यान आकर्षित किया।

 प्रदर्शनकारियों में एक आक्रोशित कार्यकर्त्री ने बताया कि ' दख़ल ' संगठन ऐसे किसी भी प्रकार के कृत्य की निंदा करता है। हम मानते है की इस तरीके की घटनाएं खुद को सभ्य और सुरक्षित कहने वाले समाज के पतन की सूचक है। 

 संगठन सरकार से यह मांग करता है की इस तरीके की घटनाओं को रोकने के लिए ना केवल सख्त कानून बनाए अपितु इसे सख्ती से लागू भी करे। किसी विकासशील समाज के लिए जितनी जरूरी इंटरनेट से जुड़ी सुविधाएं है, उतना ही ज़रूरी है ये सुनिश्चित करना कि ये सुविधा बच्चों, महिलाओं और ट्रांसजेंडर के लिए सुरक्षित भी हो। 

 यदि ऐसे किसी अपराध में कोई दोषी पाया जाता है तो उसे सख्त से सख्त सजा सुनाई जाए। जिससे समाज में एक संदेश जाए और इस तरीके की घटनाओं पर आगे से रोक लगाई जा सके।

 एक जिम्मेदार संगठन होने के नाते इस मामले में पकड़े जा रहे अभियुक्तों की कम उम्र पर भी प्रदर्शनस्थल पर चिंता व्यक्त की गई। 18 वर्ष से 21 वर्ष के बीच पकड़े गए अभियुक्त मानसिक तौर पर कैसे इतने बीमार हो रहे है कि ये दुष्कृत्य करने की ओर बढ़ रहे हैं ? ये नौजवान टीवी और सोशल मीडिया पर क्या देख रहे हैं ? स्कूल कॉलेज और अपने घरों में क्या सीख रहे है जो ये दूसरे धर्म, लिंग या जाति के ख़िलाफ़ ऐसा घृणित अपराध करने को तैयार हो जा रहे हैं , ये बात हम सब को सोचने की है।

 संगठन के सदस्यों ने कार्यक्रम स्थल पर लोगो से अपील किया कि हमे सोशल मीडिया पर खुद भी सचेत रहने की जरूरत है। अपने आईडी पासवर्ड को सुरक्षित रखें। मोबाईल में अपने निजी जानकारियों फोटो आदि को रखने से बचें। अज्ञात सोर्स से आए लिंक को खोलने से भी बचें।

 "दख़ल" के इस प्रतिरोध कार्यक्रम का समर्थन कर अन्य संस्थाओं से जुड़े नागरिकों ने भी अपना विरोध दर्ज कराया।
कार्यक्रम में संगठन के मैत्री,शालिनी, एकता शेखर,विजेता,प्रियंका,जान्हवी,डॉ. इन्दु पाण्डेय,वल्लभाचार्य पाण्डेय,ताहिर,रवि शेखर,राणा रोहित,निहार,अनूप श्रमिक, राजेश,आकाश, दिवाकर,धनज्जय इत्यादि सदस्य शामिल रहे।

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