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UP Assembly Elections 2022: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीएम मोदी और चुनाव आयुक्त से चुनाव पोस्टपोन करने का किया आग्रह, जानिए क्यों !

UP Assembly Elections 2022: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीएम मोदी और चुनाव आयुक्त से चुनाव पोस्टपोन करने का किया आग्रह, जानिए क्यों !

 UP Elections, विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ी खबर आ रही है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री मोदी और चुनाव आयुक्त से चुनाव को पोस्टपोन करने का आग्रह किया है। दरअसल, कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते संक्रमण को लेकर चिंता जताते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चुनाव आयुक्त से चुनावों को पोस्टपोन करने का अनुरोध किया है।
 विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ी खबर आ रही है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री मोदी और चुनाव आयुक्त से चुनाव को पोस्टपोन करने का आग्रह किया है। दरअसल, कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते संक्रमण को लेकर चिंता जताते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चुनाव आयुक्त से चुनावों को पोस्टपोन करने का अनुरोध किया है। जस्टिस शेखर ने कहा कि, “यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव में कोरोना की तीसरी लहर से जनता को बचाने के लिए राजनीतिक पार्टियों की चुनाव रैलियों पर रोक लगाई जाए। उनसे कहा जाए कि वे चुनाव प्रचार टीवी और समाचार पत्रों के माध्यम से करें। वह पार्टियों की चुनावी सभाएं व रैलियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं। प्रधानमंत्री चुनाव टालने पर भी विचार करें, क्योंकि जान है तो जहान है।” जस्टिस शेखर ने ये टिप्पणी जेल में बंद आरोपी एक आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए की थी।

 न्यायालय ने क्या-क्या कहा
 ग्राम पंचायत चुनाव और बंगाल विधानसभा चुनाव ने काफी लोगों को संक्रमित किया। इससे लोग मौत के मुंह में गए। अब फिर से यूपी में विधानसभा चुनाव निकट है। इसके लिए सभी पार्टियां रैली, सभाएं करके लाखों की भीड़ जुटा रही हैं। रैलियों में किसी भी प्रकार से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना संभव नहीं है। इसे समय रहते नहीं रोका गया, तो स्थिति दूसरी लहर से ज्यादा भयावह होगी। ऐसी दशा में चुनाव आयुक्त से न्यायालय का अनुरोध है कि इस प्रकार की रैली और सभाओं पर तत्काल रोक लगाए। आयुक्त पार्टियों को आदेशित करें कि वह अपना प्रचार दूरदर्शन और समाचार पत्रों के माध्यम से करें। संभव हो तो फरवरी में होने वाले चुनाव को भी एक-दो महीने के लिए टाल दें। जीवन रहेगा तो चुनावी रैलियां, सभाएं आगे भी होती रहेंगी। जीवन का अधिकार हमें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में भी दिया गया है।

 भीड़ पर नहीं लगी रोक तो परिणाम खतरनाक होगा परिणाम
 हाईकोर्ट ने कहा कि दूसरी लहर में लाखों की संख्या में लोग कोरोना संक्रमित हुए और लोगों की मृत्यु हुई। ग्राम पंचायत चुनाव और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव ने लोगों को काफी संक्रमित किया, जिससे लोग मौत के मुंह में गए। अब यूपी विधानसभा का चुनाव निकट है। सभी पार्टियां रैली, सभाएं करके भीड़ जुटा रहीं हैं, जहां किसी भी प्रकार का कोरोना प्रोटोकॉल संभव नहीं है और इसे समय से नहीं रोका गया तो परिणाम दूसरी लहर से कहीं अधिक भयावह होंगे।

 कोर्ट में नहीं होती है सोशल डिस्टेंसिंग
 न्यायमूर्ति जस्टिस शेखर कुमार यादव ने कहा कि इस न्यायालय के पास करीब 400 मुकदमे सूचीबद्ध हैं। इसी प्रकार से रोज मुकदमे सूचीबद्ध होते हैं। इस कारण बड़ी संख्या में अधिवक्ता आते हैं। उनके बीच किसी भी प्रकार की सोशल डिस्टेंसिंग नहीं होती है। वह आपस में सटकर खड़े होते हैं, जबकि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। साथ ही तीसरी लहर आने की संभावना है।

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