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Mgnrega Mazdoor Protest : बीडीपीओ कार्यालय में भ्रष्‍टाचार के खिलाफ मनरेगा यूनियन का प्रदर्शन,यूनियन ने SDM को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा

Mgnrega Mazdoor Protest : बीडीपीओ कार्यालय में भ्रष्‍टाचार के खिलाफ मनरेगा यूनियन का प्रदर्शन,यूनियन ने SDM को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा

 हरियाणा, कलायत ब्‍लॉक में क्रांतिकारी मनरेगा मजदूर के बैनर तले मनरेगा मजदूरों ने बीडीपीओ कार्यालय में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया।
यूनियन के प्रभारी रमन ने बताया कि गांव चौशाला, सिमला, रामगढ़ व आसपास गांव में मनरेगा मजदूर विभिन्न समस्याओं से ग्रस्त है। यूनियन द्वारा पहले भी  मनरेगा मजदूरों के मांगपत्रक बीडीपीओ कार्यालय में दिये है लेकिन लम्बे समय बीतने के बाद भी विभाग द्वारा इस समस्या का हल नहीं किया गया है। साथ ही कलायत क्षेत्र में विभाग द्वारा नये जॉब कार्ड व गांव में  सभी को नियमित काम को लेकर भी कोई स्पष्ट योजना नहीं है। जिसके कारण बहुत से गांव के मनरेगा के इच्छुक मजदूर  नये जॉब कार्ड से वंचित है।

 साथ ही हमारी प्रमुख मांगें हैं कि विभाग द्वारा 16 दिवसीय काम का मस्टररोल निकाला जाए व मनरेगा का काम सुचारू रूप से चालू करवाए।

 दूसरा,कलायत में मनरेगा से संबंधित अधिकारी सिर्फ 2 दिन आते हैं उनकी ड्यूटी परमानेंट कलायत ब्‍लॉक में की जाए। यूनियन ने एक सप्‍ताह का समय  दिया है अगर हमारी  जायज मांगों  पर कार्रवाई  नहीं होती है तो हम बीडीपीओ  कार्यालय में अनिश्चितकालीन धरना देंगे।
 
 आगे चौशाला गांव यूनियन सदस्‍य कविता ने बताया क‍ि मनरेगा यूनियन का अनभुव है कि कलायत तहसील में मजदूरों को साल में मुश्‍किल से 25-30 दिन ही काम मिलता है। यहीं आंकड़े पूरे हरियाणा और देश स्‍तर पर है। साथ ही मनरेगा में भ्रष्‍टाचार का एक मुख्‍य कारण मनरेगा ऑफ़िस के अधिकारियों की गाँव के कुछ विशेष मेटों के साथ साँठ-गाँठ होती है जिसके कारण मनरेगा का ज़्यादातर काम उन गाँवों को मिलना शुरू हो जाता है जिनके मेटों के साथ उनका गठजोड़ बनता है। मनरेगा में जो आबादी काम करती है उसके नाम के साथ-साथ ऐसे नाम भी वर्करों की लिस्ट में शामिल किये जाते हैं जो मनरेगा में काम करने नहीं आते। उनका सिर्फ़ काग़ज़ों में नाम चलता है और जो पैसा आता है उसका बड़ा हिस्सा अधिकारियों तथा थोड़ा-बहुत हिस्सा उन फ़र्ज़ी मज़दूरों की जेब में चला जाता है और यह सिलसिला जारी रहता है। एक ओर मज़दूर काम के लिए मनरेगा विभाग के चक्कर लगाते रहते हैं और दूसरी ओर मनरेगा का जो बजट मज़दूरों के लिए तय हुआ है वो भ्रष्‍ट अधिकारियों और मेटों की जेबों में जाता रहता है।

 यूनियन के अजय ने बताया कि इस भ्रष्टाचार के ऊपर रोक लगाना वैसे तो किसी एक आदमी के बस की बात नहीं मगर इसको रोकने के लिए क्रान्तिकारी मनरेगा मज़दूर यूनियन के साथी लगातार गाँव-गाँव में मनरेगा मज़दूरों की कमेटियों का गठन कर रहे हैं और इन कमेटियों में जो मज़दूर शामिल हैं उनको मनरेगा विभाग से जुड़े हुए काग़ज़ी काम भी सिखाये जाते हैं जैसे डिमाण्ड भरना, मस्टररोल भरना, यह पता करना कि कितने लोगों का काम आया है, कितने लोग काम पर जाते हैं, किसी की फ़र्ज़ी हाज़िरी तो नहीं भरी जा रही, आदि। इन सभी कामों के लिए प्रशिक्षित करने का काम भी किया जाता है और जो भी काग़ज़ी काम होता है उसको व्हाट्सएप के माध्यम से हर मज़दूर के सम्पर्क में लेकर आने का काम भी किया जाता है। ऐसा करने से मज़दूरों में आत्मविश्वास बढ़ता है और साथ ही साथ हर मज़दूर काम के प्रति निगरानी और ज़िम्मेदारी को भी समझना शुरू कर देता है। 
 मनरेगा  मजदूरों  के प्रदर्शन को समर्थन दे रही भारत की क्रान्‍त‍िकारी मजदूर पार्टी  के साथी प्रवीन ने कहा क‍ि देश दुनिया की सारी वस्‍तुओं  का न‍िर्माण करने वाले मेहतनकश आबादी को वेतन-भेत्‍तें की लड़ाई को सत्‍ता की लड़ाई तक पहॅुचना होगा। जिसके लिए मजदूरों में राजनीतिक चेतना का विकास करना होगा हमें उनके बीच क्रांतिकारियों के विचारों का प्रचार- प्रसार और राजनीतिक पाठशालाओं का आयोजन करना होगा। लेनिन के शब्दों में कहें तो यूनियन मजदूरों की पहली पाठशाला होती है जहां पर एक मज़दूर, मज़दूर चेतना से सर्वहारा चेतना की तरफ बढ़ता है और अपनी वर्ग एकजुटता को अच्छे से समझता है।
नौजवान भारत सभा के साथी  अजय और अ‍मित द्वारा क्रान्तिकारी गीतों  की प्रस्‍तुत‍ि दी गई।

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