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Kisan Andolan : इन मुद्दों पर सहमति के बाद किसान आंदोलन समाप्त कर रहे है किसान

Kisan Andolan : इन मुद्दों पर सहमति के बाद किसान आंदोलन समाप्त कर रहे है किसान

 दिल्ली,अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा ने कहा कि इस ऐतिहासिक किसान आंदोलन की शानदार सफलता की, जिसमें लाखों किसानों ने पिछले एक साल और 14 दिनों से दिल्ली की ओर जाने वाले राजमार्गों पर मोर्चा लगाया हुआ था, सराहना करती है।
एआईकेएमएस पूरे देश के किसानों और किसान संगठनों को बधाई देती है और उनसे इस ऐतिहासिक जीत का जश्न सामूहिक सभाओं के साथ मनाने का आह्वान करता है।
एसकेएम ने वर्तमान मोर्चों को समाप्त कर 11 दिसम्बर को जश्न के साथ वापस जाने का निर्णय लिया है। अमल के मूल्यांकन और अगली रणनीति के लिए 15जनवरी 2022 को दिल्ली में बैठक होगी।

एआईकेएमएस उन सभी लोकतांत्रिक ताकतों और जन संगठनों को बधाई देता है जिन्होंने इस संघर्ष के दौरान बहुमूल्य समर्थन दिया, विशेष रूप से आईएफटीयू और प्रमस को। हम उन सभी लोगों के प्रति भी अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हैं, जिन्होंने आंदोलन के दौरान भोजन, सुविधाएं और चिकित्सा शिविर प्रदान किए।

AIKMS किसानों पर लखीमपुर खीरी नरसंहार के 5 शहीदों, 26 जनवरी और करनाल की घटना के शहीदों और 700 से अधिक किसानों को श्रद्धांजलि देता है जिन्होंने दिल्ली मोर्चा में रहते हुए अपने प्राणों की आहुति दी।
आज केंद्र सरकार का पत्र प्राप्त करने के बाद, जिसमें उसने एसकेएम द्वारा उठाए गए संदेहों को स्पष्ट किया है, अपनी बैठक में एसकेएम ने दिल्ली के आसपास के मौजूदा मोर्चों को वापस लेने का निर्णय लिया।

मुद्दों का समाधान इस प्रकार है:

1. 3 कृषि कानूनों को वापस ले लिया गया है।

2. सरकार एमएसपी में मांग को पूरा करने के लिए एक समिति का गठन करेगी जिसमें एसकेएम के प्रतिनिधि भी सदस्य होंगे। समिति का कार्य यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी किसानों को एमएसपी का आश्वासन कैसे दिया जा सकता है। सरकार ने यह भी आश्वासन दिया है कि राज्यों में एमएसपी पर फसलों की सरकारी खरीद को, जो खरीद की जा रही है, उससे कम नहीं किया जाएगा।

3. सरकार के पत्र में कहा गया है कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली सहित केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के विभागों द्वारा आंदोलन के दौरान दर्ज सभी केसों को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया जाएगा।

4. राज्य सरकारें इस आंदोलन में शहीद हुए सभी लोगों के परिवारों को मुआवजा प्रदान करेंगे, जिसके लिए हरियाणा और यूपी ने अपनी सहमति दे दी है और पंजाब ने पहले ही अपनी घोषणा कर दी है।

5. बिजली विधेयक पर एसकेएम सहित सभी हितधारकों के साथ चर्चा करने के बाद ही संसद में चर्चा की जाएगी।

6. पराली जलाने से संबंधित अधिनियम की धारा 14 और 15 के प्रावधानों से किसानों पर आपराधिक दायित्व को हटाया जाएगा।

इस आंदोलन ने न केवल भारतीय कृषि और किसानों पर कॉरपोरेट और बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा इस नव उदारवादी फासीवादी हमले को निर्णायक रूप से पीछे धकेल दिया है, इसने किसान पक्शधर सुधारों के लिए राष्ट्रीय एजेंडे में एमएसपी के मुद्दे को भी लाया है। सरकार ने समिति के एजेंडे के रूप में सभी किसानों को एमएसपी की गारंटी देने की अवधारणा को स्वीकार कर लिया है। पर यह हमारी मांग के करीब नहीं है, जो है ए) सभी किसानों के लिए सभी फसलों के लिए एमएसपी घोषित हो, बी) एमएसपी को सी 2 पर समग्र लागत के अनुसार पारदर्शी रूप से गणना की जाए और प्लस 50% पर घोषित किया जाए, और सी) सरकार द्वारा ऐसी व्यवस्था बनाई जाए जिसमे घोषित एमएसपी पर सभी फैसलों की सरकारी खरीद की गारंटी की जाए।

इस जीत ने न केवल एमएसपी के मुद्दे पर पूरे भारत के किसानों में जागरूकता पैदा की है, बल्कि इस मांग के लिए भारत के नागरिकों के बीच व्यापक सहानुभूति और समर्थन पैदा किया है। यदि समिति परिणाम नहीं देती है, तो अब हमारा काम है कि हम इस मुद्दे पर एक राष्ट्रव्यापी संघर्ष का निर्माण करें, जो उतना ही दृढ़ हो, जैसा कि हमने अभी जीता है।

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