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Kisan Andolan : किसान आंदोलन के एक वर्ष होने पर गाजीपुर बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चे के नेताओं ने किया सभा को सम्बोधित

Kisan Andolan : किसान आंदोलन के एक वर्ष होने पर गाजीपुर बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चे के नेताओं ने किया सभा को सम्बोधित

 दिल्ली, संयुक्त किसान मोर्चा के दिल्ली की सीमाओं पर धरने का एक साल पूरा करने पर सबको गाजीपुर कमेटी की ओर से हार्दिक बधाई दी गई।
वक्ताओं ने कहा यह संघर्ष अपने गांव, खेत, जीविका व संस्कृत को देशी व विदेशी कारपोरेट के कब्जे से रक्षा करने के लिए किया। यह एक बड़ा, देशभक्ति का संघर्ष है जिसमें पूरे देश के किसानो और दुनिया भर में प्रगतिशील ताकतों ने इसको मजबूत किया।
 इस आंदोलन में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश उत्तराखंड के किसानों ने सभी बाधाओं का मुकाबला करते हुए मोर्चे को स्थापित किया। इसमें शुरू से कोरोना लाकडाउन को तोडते हुए दमन का मुकाबला किया गया।  हरियाणा में बार-बार मुख्यमंत्री को हेलीकॉप्टरों से उतरने से और रोका गया। पंजाब मे मांग पूरी ना होने तक चुनाव प्रचार करने से पार्टियों को रोका गया। 

 गाजीपुर मोर्चे मे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण प्रांतों में भाजपा सरकार के दमनकारी राज के विरुद्ध किसानों को खड़ा किया और 27 और 28 जनवरी 2021 को गुंडों द्वारा किसान आंदोलन पर पुलिस संरक्षण में हमले को विफल किया और उनकी साम्प्रदायिक साजिश को हरा दिया। इस लडाकू एकता ने राजनीतिक दलों को आंदोलन के मंच पर नहीं आने दिया और किसानों द्वारा संघर्ष से जीत हासिल करने की परंपरा को आगे बढ़ाया।

इस आंदोलन में देशभर के किसान संगठनों की एकता को स्थापित किया है। इस आंदोलन ने कारपोरेट तथा कृषि कंपनी का खेती पर संपूर्ण कब्जा करने के प्रयास को विफल किया है। इस आंदोलन ने बड़ी साम्प्रदायिक एकता स्थापित की है।

आज जब मोदी सरकार ने 3 कानून वापस लेने की घोषणा की है और शेष मांगों को अनसुना सा कर दिया है, हमारे सामने एक बार फिर एक बड़ी राजनीतिक चुनौती आ गई है। हमे जीत के इस माहौल मे अपनी एकता, व्यापक भागीदारी और संघर्ष की गति को कायम रखते हुए, एमएसपी के लिए संघर्ष को जारी रखना और तेज करना है। 

हमारी एमएसपी की मांग में किसानों की आमदनी को सुरक्षित करने की बात है। मोदीजी ने तीन कानून पारित करते समय किसानों की आमदनी दो गुना करने की बात कही थी। इससे पहले चुनाव अभियान में, मोदीजी ने कहा था कि किसानों को उनकी सरकार C-2+50 फीसदी के अनुसार एमएसपी देगी। आज उनका प्रयास है कि वह तीन कानून वापसी की घोषणा कर, किसानों की आमदनी सुरक्षित करने, एमएसपी की मांग पर चुप्पी साधे रहें। हमारी दोनों मांगों के बीच मोदी सरकार खाई खेड़ा करना चाहती है। उसकी चाल को हमें समझना भी है और जनता के बीच इसे विफल भी करना है। यह तभी हो सकता है जब हम अपनी एकता को कायम रखते हुए, तीन कान की वापसी की जीत का जश्न मनाएं और संघर्ष के वह कदम पेश करें जिससे देशभर के किसान एमएसपी प्राप्त कर सकें।

हमारी कुछ और भी मांगे हैं, शहीदों को सम्मान, मंत्री टेनी की बरखास्त गी व गिरफ्तारी, बिजली बिल, आदि। इन्हें भी हमने पूरा कराना है।

गाजीपुर से हम आपको जीत की बधाई देते हुए अपील करते हैं कि संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा तय सभी कदमों को आप दृढ़ता से अमल करें।

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