-->
Lakhimpur Kisan Andolan : सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कहा, यूपी ही नही पूरा देश शोक और सदमें में डूबा है, आप महोत्सव कैसे मना सकते है ?

Lakhimpur Kisan Andolan : सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कहा, यूपी ही नही पूरा देश शोक और सदमें में डूबा है, आप महोत्सव कैसे मना सकते है ?

 दिल्ली , आम आदमी पार्टी के राजसभा सांसद संजय सिंह ने लखनऊ में आयोजन हो रहे आज़ादी का अमृत महोत्सव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर उन्हें एक पत्र लिखा है ।
सांसद संजय सिंह ने पत्र में लिखा है कि, माननीय प्रधानमंत्री जी समाचार माध्यमों से पता चला है कि आप "आजादी का अमृत महोत्सव मनाने तीन दिवसीय उत्तर प्रदेश दौरे पर आ रहे हैं। आपका यह दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब उत्तर प्रदेश के 24 करोड़ लोग अकल्पनीय दुख, सदमे और शोक में डूबे हैं। यहां सत्ता के नशे में डूबे आपके मंत्री अजय मिश्रा की गाड़ी से छह निर्दोष किसानों को रौंदकर उनकी निर्मम हत्या कर दी गई। दुनिया के सबसे आतताई तानाशाहों के शासन काल के अध्ययन में भी किसी सरकार द्वारा अपनी जनता पर ऐसे क्रूर अत्याचार और हत्याओं का कोई ब्योरा ढूंढने से भी नहीं मिलता। सारा देश और खासकर उत्तर प्रदेश शोक और सदमे में गहरा डूबा है। निर्दोष जनता पर सरकार द्वारा ऐसे अकल्पनीय अत्याचार के बाद आप कैसा महोत्सव मनाने उत्तर प्रदेश आ रहे हैं? जो आजादी का अमृत महोत्सव मनाने आप आ रहे हैं उसमें आप किस आजादी की बात करेंगे जबकि आपके सामने प्रत्यक्ष प्रमाण है कि सरकार अपनी जनता पर ऐसा क्रूर अत्याचार कर रही है जैसा अंग्रेजों की गुलामी के दौरान भी नहीं हुआ? यह आपका अमृत महोत्सव ऐसे किस अमृत की वर्षा कर रहा है जिसमें देश के अन्नदाता की रौंदी हुई लाशें सड़कों पर बिछी हैं और गांवों में मौत का सन्नाटा फैला हुआ है? जिस जनता ने वोट डालकर आपको अपना प्रधानमंत्री चुना उसके साथ ऐसे भयानक अन्याय और अत्याचार के समय आप कैसे कोई महोत्सव का आयोजन कर सकते हैं? देश के संविधान का अनुच्छेद 75 (3) यह कहता है कि आप का मंत्रीपरिषद सामूहिक रूप से संसद के ज़रिए इस देश की जनता को जवाबदेह होगा। आपके गृह राज्य मंत्री, जिसका संवैधानिक और लोकतांत्रिक दायित्व इस देश के लोगों की सुरक्षा करना है, वह 5 दिन पहले किसानों को सरेआम धमकी देता है और 5 दिन बाद उसकी कार निर्दोष किसानों को रौंदती हुई उनके सीनों के ऊपर से गुजर जाती है और पीछे रह जाती हैं खून से लथपथ निर्दोष किसानों की लाशें और सड़कों पर बहता हुआ खून यह कैसे संवैधानिक और लोकतांत्रिक दायित्व का निर्वहन है?
 माननीय प्रधानमंत्री जी सिर्फ मंत्री पर दोष थोपकर हाथ झाड़ लेना संविधान की भावना के बिल्कुल विपरीत होगा। संविधान मंत्रिपरिषद की सामूहिक जिम्मेदारी की गारंटी देता है और इस मंत्रिपरिषद के मुखिया आप हैं। ऐसे में इस भयानक हत्याकांड की जिम्मेदारी लेना तो दूर, आपकी ओर से संवेदना का एक शब्द भी नहीं आया है। इससे पूरा देश आहत है। यही देश का संविधान अपने नागरिकों को यह भी गारंटी देता है कि कोई व्यक्ति कितना भी ताकतवर क्यों न हो पर कानून की दृष्टि में सब के साथ एक जैसा व्यवहार किया जाएगा। कानून किसी के पद रुतबे या उसके दबदबे के दबाव में नहीं आएगा। लेकिन आज सारे सबूत सामने आ चुके हैं कि आपके मंत्री की गाड़ी से जानबूझकर अकारण ही निर्दोष किसानों को रौंदकर उनकी निर्मम हत्या की गई। इसके बावजूद न तो अब तक मंत्री को बर्खास्त किया गया और ना उसकी गिरफ्तारी हुई। उसका अपराधी पुत्र भी सरकार के संरक्षण और छत्रछाया में ऐसा जघन्य कृत्य करने के बाद भी खुला घूम रहा है। अन्याय की इस मिसाल से देश में न्याय के शासन की गरिमा और उसकी विश्वसनीयता को गहरी चोट पहुंचती है और देश के नागरिकों का सरकार और उसकी न्याय व्यवस्था में विश्वास खत्म होता है। इस विश्वास और विश्वसनीयता की रक्षा आपका संवैधानिक दायित्व है।

 अब जब आप उत्तर प्रदेश आ ही रहे हैं तो मैं आपसे हाथ जोड़कर यह आग्रह करूंगा कि आप शोक और दुख की इस महान घड़ी में किसी महोत्सव के आयोजन का इरादा बदलें और सभी दलों के नेताओं के साथ उन किसान परिवारों के पास लखीमपुर खीरी चलें जिनके परिजनों की आप के मंत्री की गाड़ी के नीचे निर्मम ता पूर्वक रौंदकर अकारण हत्या की गई। उन परिवारों के दीच बैठकर आप पश्चाताप करें माफी मांगे अपने इस मंत्री को तत्काल बर्खास्त करें दोषियों को गिरफ्तार करें और मंत्रिपरिषद का मुखिया होने के नाते खुद इस घटना की जिम्मेदारी लें। सच्चे मन से किए हुए पश्चाताप से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं। इससे आपकी आत्मा पर अपराध बोध का बोझ कम होगा।

0 Response to "Lakhimpur Kisan Andolan : सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कहा, यूपी ही नही पूरा देश शोक और सदमें में डूबा है, आप महोत्सव कैसे मना सकते है ?"

Post a Comment

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article