Haryana News : आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा का दो दिवसीय राज्य स्तरीय सम्मेलन संपन्न, सुरेखा प्रधान व सुनीता चुनी गई आशा वर्कर्स यूनियन की राज्य महासचिव
हरियाणा, आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा के 5वें राज्य सम्मेलन में सुरेखा को अध्यक्ष, सुनीता को महासचिव व अनीता को कोषाध्यक्ष चुना गया।
राज्य भर से आए यूनियन प्रतिनिधियों ने 44 सदस्यीय राज्य कमेटी और 13 सदस्यीय पदाधिकारियों का सर्वसम्मति से चुनाव किया। इसमें प्रवेश कुमारी, कमलेश, रानी, रामरति, पूनम को उपाध्यक्ष तथा नीलम, मीरा, सुधा, सुदेश को सचिव चुना गया। सम्मेलन में 300 के करीब प्रतिनिधियों, पर्यवेक्षकों, मेहमान प्रतिनिधियों ने हिस्सेदारी की।
सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए सीटू प्रदेश महासचिव जय भगवान ने कहा कि डिजिटल हेल्थ मिशन और नई स्वास्थ्य नीति कारपोरेट की लूट के लिए है। यह आम जनता को अभी तक मिली स्वास्थ्य सुविधाओं को भी नष्ट करने वाली है। प्रधानमंत्री व उनकी सरकार खोखले बयानबाजी कर रही है लेकिन वास्तव में वर्कर्स को कोई राहत नहीं दे रही है। उन्होंने कहा की कोरोना महामारी में भी स्कीम वर्कर्स ने बुनियादी काम किया है। इसके बावजूद न तो सरकार इन्हें कर्मचारी का दर्जा दे रही और न ही 24000 न्यूनतम वेतन लागू कर रही है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र, शिक्षा व पोषण के कार्य को अधिक गंभीरता से किया जाना चाहिए लेकिन यह सरकार स्वास्थ्य और शिक्षा सहित तमाम सरकारी व सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण कर रही है। सार्वजनिक क्षेत्र जो देश की आत्मनिर्भरता व जनकल्याणकारी योजनाओं की बुनियाद है उसे तबाह कर रही है। केंद्रीय वित्त मंत्री की राष्ट्रीय मौद्रिककरण पाइप लाइन योजना सरकारी नौकरी के सपनो को ही खत्म करने वाली है। इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने मजदूरों के बारे चार लेबर कोड्स पारित करके मजदूरों को गुलाम बनाने का काम किया है। 3 कृषि कानून खेती व किसानों को बर्बाद करने वाले व खाद्य सुरक्षा को तबाह करने वाले है। जिसे लेकर ऐतिहासिक किसान आंदोलन जारी है। इन तमाम विनाशकारी नीतियों के खिलाफ आगामी दिनों में पूरी तैयारी के साथ बड़े संयुक्त आंदोलन किये जायेंगे।
यूनियन की नवनियुक्त राज्य अध्यक्ष सुरेखा और महासचिव सुनीता ने कहा कि राज्य सरकार आशाओं के ऊपर काम का निरंतर बोझ डाल रही है। आशा वर्कर्स स्वास्थ्य के ढांचे की नींव बन चुकी हैं। कोरोना महामारी की रोकथाम और अब कोरोना के टीकाकरण के काम में आशाएं केन्द्रीय भूमिका में हैं। लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार और स्वास्थ्य मंत्री वर्कर्स की समस्याओं पर बात नहीं कर रही। इसलिए सम्मेलन ने आगामी दिनों में राज्य में बड़ा आंदोलन खड़ा करने का निर्णय लिया है जिसका आगाज 11 नवम्बर को राज्यव्यापी प्रदर्शन के रूप में होगा। यूनियन ने राज्य की 20000 आशा वर्कर्स को यूनियन का सदस्य बनाते हुए एक धागे में पिरोने के लिए विशेष अभियान चलाने का फैसला किया है। आगामी दिनों में पक्के रोजगार, 24000 न्यूनतम वेतन, सामाजिक सुरक्षा की गारंटी, लेबर कोड्स एवम कृषि कानून रद्द करवाने मांग पर 2018 जैसा निर्णायक आंदोलन छेड़ा जाएगा।
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