-->
Kisan Andolan : विदेशी कंपनी व कारपोरेट पक्षधर 3 खेती के कानून वापस लेने और एमएसपी कानूनी अधिकार के संघर्ष को तेज करने की घोषणा

Kisan Andolan : विदेशी कंपनी व कारपोरेट पक्षधर 3 खेती के कानून वापस लेने और एमएसपी कानूनी अधिकार के संघर्ष को तेज करने की घोषणा

  अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक 19 व 20 जुलाई 2021 को सिंधु विरोध मोर्चे, सोनीपत, हरियाणा में संपन्न हुई। इसमें तेलंगाना, पंजाब, बिहार, उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश व राजस्थान से आए, 2 महिलाओं समेत 93 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। लॉकडाउन के कारण असम व तमिलनाडु के प्रतिनिधि भाग नहीं ले सके।

बैठक की शुरुआत में दिल्ली मुद्दों पर शहीद हुए 600 से ज्यादा किसान साथियों, फ़ादर स्टैन स्वामी व राजा सुरेश प्रताप लाल, गोंडा जिले के कामरेड जनार्दन और उड़ीसा राज्य कार्यकारिणी के सदस्य, रघुनाथ नायक को श्रद्धांजलि दी।

सभी प्रतिनिधियों ने चल रहे किसान आंदोलन, जो कॉर्पोरेट पक्षधर व विदेशी कंपनी पक्षधर खेती के 3 कानूनों की वापसी और स्वामीनाथन फार्मूले के अनुसार सभी फसलों  के लिए एमएसपी के कानूनी अधिकार की मांग पर चल रहे संघर्ष पर महासचिव की रिपोर्ट को ध्यानपूर्वक सुनी। इन मांगों पर सभा द्वारा तेलंगाना, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश, व पश्चिम बंगाल में हजारों किसानों को गोलबंद किए जाने और पंजाब से शुरू हुए इस आंदोलन में कीर्ति किसान यूनियन की अहम भूमिका की भी रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।

पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों द्वारा जीत हासिल करने तक इन मांगों पर संघर्ष जारी रखने के संकल्प को सलाम करते हुए राष्ट्रीय परिषद ने दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे धरने को मजबूत करने की विस्तृत योजना बनाई। किसान मजदूर सभा अन्य राज्यों में लाभकारी फसलों व व्यवसायिक खेती के क्षेत्रों में इसी तरह के मोर्चों का अन्य किसान संगठनों के साथ संयुक्त रुप से निर्माण करने का भी प्रयास करेगा। 

परिषद ने तय किया कि, वह सभी राज्यों में, अन्य खेती के तबको, आदिवासियों व वनवासियों, भूमिहीन व गरीब किसानों, खेत मजदूरों, बालू खनन मजदूरो, मछुआरों, पशुपालकों और दूध उत्पादकों के, उनकी मांगों पर सहयोगी संघर्ष़ा खड़ा व तेज करेगा।


परिषद में 2 प्रस्ताव पारित किए गए। एक था संघर्षरत किसानों पर दर्ज सभी फर्जी व बनावटी आरोप वापस लिए जाएं, जिनमें राजद्रोह, यूएपीए, गुण्डा व गैंगस्टर एक्ट के केस हैं और खास तौर से चंडीगढ़ व सिरसा की हाल की घटनाओं में दर्ज किए गए केस वापस लिए जाएं।

दूसरा प्रस्ताव था 9 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय मूलवासी जन दिवस मनाए जाने का। इसमें आदिवासी लोगों की बड़ी गोलबंदी के साथ उनकी जमीन व पट्टों तथा वन उत्पाद के वन अधिकार कानून 2006 के अधिकार, प्रकृति की कारपोरेट तथा विदेशी कंपनियों द्वारा लूट और जबरन विस्थापन के खिलाफ, आदिवासियों पर सुरक्षा बलों द्वारा दमन किए जाने व उनकी हत्या किए जाने के खिलाफ और साथ में इन तीन खेती के कानूनों की वापसी व एमएसपी के अधिकार के लिए मांगे उठाई जाएंगी। इसमें 10 दिन का अभियान चलाया जाएगा।

राष्ट्रीय परिषद में किसान संघर्ष द्वारा भाजपा सरकारों के हमले को पीछे धकेलने, मेहनत करने वाले लोगों पर कारपोरेट के नव उदारवादी हमले को पीछे धकेलने और सांप्रदायिक व जातीय सद्भाव को बढ़ावा देने में इस संघर्ष की महान भूमिका पर भी चर्चा की। चर्चा में निष्कर्ष निकला कि भारत के किसानों ने आरएसएस और भाजपा के फर्जी राष्ट्रवाद का देश के सामने खुलकर प्रदर्शन कर दिया है और साबित कर दिया है कि यह विदेशी कंपनियो के प्रतिनिधि के तौर पर काम कर रहे हैं।

परिषद की अध्यक्षता, सभा के अध्यक्ष वी वेंकटरमैया और तीन उपाध्यक्ष सुशांत झा, निर्भय सिंह तथा जेवी चलपति राव ने की।

 *पंजाबी फिल्मों की प्रसिद्ध नेत्री, सोनिया मान ने परिषद के सदस्यों को विशेष अतिथि के तौर पर संबोधित किया।* 

सभा के अंत में मेजबान समिति को धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया ।

0 Response to "Kisan Andolan : विदेशी कंपनी व कारपोरेट पक्षधर 3 खेती के कानून वापस लेने और एमएसपी कानूनी अधिकार के संघर्ष को तेज करने की घोषणा"

Post a Comment

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article